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जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं आतंकवादी: सेना

जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास इस वर्ष आतंकवादियों ने भारतीय क्षेत्र में घुसने की काफी कोशिश की. सेना के उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बी एस जसवाल ने कहा, ‘हमारा खुफिया तंत्र अच्छा है और हमें घुसपैठ के प्रयासों की जानकारी मिली.’

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जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास इस वर्ष आतंकवादियों ने भारतीय क्षेत्र में घुसने की काफी कोशिश की. सेना के उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बी एस जसवाल ने कहा, ‘हमारा खुफिया तंत्र अच्छा है और हमें घुसपैठ के प्रयासों की जानकारी मिली.’

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उन्होंने कहा, ‘सीमा के पास घुसपैठ के काफी प्रयास हुए. आतंकवादी घुसपैठ की काफी कोशिश कर रहे हैं.’ सेना के मुताबिक इस वर्ष सीमा के नजदीक 40 लोगों ने घुसपैठ की. उन्होंने कहा, ‘हमारे पास घुसपैठ के आधिकारिक आंकड़े हैं. अब तक हमारे पास करीब 40 लोगों के बारे में सूचना है. पिछले वर्ष इस समय तक 93 लोगों ने घुसपैठ की थी.’

घुसपैठ के खिलाफ सेना के प्रयास के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘हम लड़ने में सक्षम हैं. हमने कई मुठभेड़ की. एक मामले में हमने 16 लोगों को गोली मारी. एक अन्य मामले में हमने 11 लोगों को गोली मारी. इसके बावजूद प्रयासों में वृद्धि हुई है.’ सैनिकों की समस्याओं का जिक्र करते हुए उत्तरी कमान के प्रमुख ने कहा, ‘वहां की भौगोलिक स्थिति काफी दुर्गम है. वहां जंगल एवं झाड़ियां हैं. कभी-कभी दस गज की दूरी से जा रहा व्यक्ति नहीं दिखता है. वहां निगरानी उपकरण आदि काम नहीं करते.’

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बहरहाल उन्होंने कहा कि तालिबान के घुसपैठ की कोई सूचना नहीं है. जसवाल ने कहा, ‘हमें तालिबान (जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ) के बारे में पक्की खबर नहीं है.’ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के गिलगिट एवं बाल्टीस्तान में चीनी सेना की तैनाती के बारे में पूछने पर जीओसी ने कहा, ‘उस इलाके तक हमारी पहुंच नहीं है. गिलगिट और बाल्टीस्तान के बारे में मुझे अखबारों से जानकारी मिली.’ काराकोरम क्षेत्र में चीनी शिविर के बारे में उन्होंने कहा कि यह रणनीतिक खुफिया स्तर से काफी परे हैं. उन्होंने कहा कि इस बारे में हमें कोई जानकारी नहीं मिली है.

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