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सरकार से मिले OROP से नाखुश भूतपूर्व सैनिक लौटाएंगे मेडल

केंद्र सरकार द्वारा पांच सितंबर को ओआरओपी योजना की घोषणा के बाद भी भूतपूर्व सैनिकों ने अपना आंदोलन जारी रखा है.

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पूर्व सैनिकों का विरोध जारी
पूर्व सैनिकों का विरोध जारी

वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) की मांग को लेकर प्रदर्शनरत भूतपूर्व सैनिकों ने अपना विरोध तेज करते हुए देशभर में 9-10 नवंबर को अपने मेडल लौटाने की घोषणा की है. भूतपूर्व सैनिक आंदोलन के महासचिव ग्रुप कैप्टन वी.के.गांधी ने कहा, 'हमने देशभर में अपने मेडल को लौटाने का फैसला एकमत से लिया है'

राष्ट्रीय राजधानी के जंतर-मंतर व देशभर में 145 दिनों के प्रदर्शन के दौरान भूतपूर्व सैनिकों ने अपने आंदोलन को आगे बढ़ाने तथा उसे और तेज करने का फैसला किया था.

गांधी ने कहा, 'सरकार हमें जो ओआरओपी प्रदान करने की इच्छुक है, वह विसंगतियों से भरी है और वह इसकी परिभाषा के अनुरूप नहीं है. विरोधस्वरूप सभी भूतपूर्व सैनिक अपने मेडल के साथ 9-10 नवंबर को देशभर में अपने-अपने जिलों में इकट्ठा होंगे.'

उन्होंने कहा, 'मेडलों को जिलाधिकारी के पास जमा कर दिया जाएगा और अगर वह इसे नहीं लेते हैं, तो इसे वहीं पर छोड़ दिया जाएगा. जिलाधिकारियों से मेडल की सुरक्षा का अनुरोध किया जाएगा. हम उनसे आग्रह करेंगे कि वे मेडल को या तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास या राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास भेज दें.

केंद्र सरकार द्वारा पांच सितंबर को ओआरओपी योजना की घोषणा के बाद भी भूतपूर्व सैनिकों ने अपना आंदोलन जारी रखा है.

भूतपूर्व सैनिकों का कहना है कि सरकार ने जो घोषणा की है, वह ओआरओपी नहीं, बल्कि 'वन रैंक, फाइव पेंशन' है.

इनपुट: IANS

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