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दूध और दाल ने बढाई महंगाई, मुद्रास्फीति बढ़कर 16.55 फीसदी

पिछले करीब एक महीने से सीमित दायरे में घटबढ़ रही मुद्रास्फीति ने एक बार फिर आंखें दिखानी शुरू की है. दूध, दाल और फल-सब्जियों के दाम बढ़ने से गत 22 मई को समाप्त सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति 0.32 प्रतिशत बढ़कर 16.55 प्रतिशत पर पहुंच गई.

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पिछले करीब एक महीने से सीमित दायरे में घटबढ़ रही मुद्रास्फीति ने एक बार फिर आंखें दिखानी शुरू की है. दूध, दाल और फल-सब्जियों के दाम बढ़ने से गत 22 मई को समाप्त सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति 0.32 प्रतिशत बढ़कर 16.55 प्रतिशत पर पहुंच गई.

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एक सप्ताह पहले यह 16.23 प्रतिशत पर थी. 17 अप्रैल से 22 मई की अवधि में खाद्य मुद्रास्फीति 16.62 प्रतिशत से 16.04 प्रतिशत के दायरे में रही और 22 मई को फिर बढ़कर 16.55 प्रतिशत हो गई. खाद्य मुद्रास्फीति के ताजा आंकड़ों के अनुसार आलू और प्याज के दाम एक साल पहले के मुकाबले क्रमश 34.09 प्रतिशत और 11.55 प्रतिशत तक नीचे आ गये लेकिन वहीं दूसरी तरफ दालें अब भी 30.84 प्रतिशत महंगी हैं. दूध 21.12 फीसद, फल 13.7 प्रतिशत और सब्जियों के दाम 1.34 प्रतिशत महंगे हो गये.

अन्य खाद्य वस्तुओं में चावल 7.30 प्रतिशत और गेहूं 3.07 फीसद महंगा हुआ. विशेषज्ञों के अनुसार, हालांकि, फिलहाल खाद्य वस्तुओं में मजबूती आई है, लेकिन अगले दो-तीन माह में कीमतों में गिरावट आएगी. एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने कहा, ‘जुलाई की शुरुआत में कुछ खाद्य वस्तुओं पर सीजन का दबाव कम हो जाएगा.

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अगस्त और सितंबर से खाद्य मुद्रास्फीति में लगातार गिरावट दिखेगी.’ दालों के बारे में बरुआ ने कहा कि वैश्विक स्तर पर दालों की कमी है, इसका असर भारत पर भी है. सकल उपभोक्ता वस्तुओं के थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति मार्च में 9.90 प्रतिशत पर रही जबकि अप्रैल में यह मामूली नरम पड़कर 9.59 प्रतिशत रही.

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