scorecardresearch
 

अब CRPF के जवान ने उठाया खामियों का मुद्दा, वीडियो वायरल

वहीं सीआरपीएफ के जवान के आरोपों पर अहीर बोले कि सभी के साथ एक जैसा व्यवहार होना चाहिए चाहे आर्मी हो या अर्धसैनिक बल इस मामले को भी देखा जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी हमें कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है लेकिन मामला सामने आया है तो इसको सरकार जरुर देखेगी.

Advertisement
X
CRPF जवान जीत सिंह
CRPF जवान जीत सिंह

Advertisement

बीएसएफ जवान तेजबहादुर यादव के बाद सीआरपीएफ जवान जीत सिंह का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में जीत सिंह ने सीआरपीएफ जवानों की पेंशन का मुद्दा उठाया है और कहा है कि सीआरपीएफ जवानों के साथ भेदभाव किया जाता है. CRPF के जवान द्वारा भी कई सवाल उठाए जाने के बाद गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने कहा कि जो बीएसएफ जवान के आरोपों के बाद सरकार ने रिपोर्ट तलब की है इसमें जो भी उचित कार्यवाही होगी वह की जाएगी.

उन्होंने कहा कि हमारे जवान सुरक्षा में लगे हुए हैं उनके साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी तुरंत नोटिस लेते हुए जांच करवाई है. वहीं सीआरपीएफ के जवान के आरोपों पर अहीर बोले कि सभी के साथ एक जैसा व्यवहार होना चाहिए चाहे आर्मी हो या अर्धसैनिक बल इस मामले को भी देखा जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी हमें कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है लेकिन मामला सामने आया है तो इसको सरकार जरुर देखेगी.

Advertisement

सरकार मामले को लेकर गंभीर

केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू बोले कि सरकार की तरफ से जवानों के वेलफेयर के लिए चाहें वह जवान कहीं भी पदस्थापित हो, उनके बारे में सोचना सरकार का दायित्व है, हमारी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि सभी चीज़ों की अच्छी तरह जांच होनी चाहिए, ऐसे में हम इसको गंभीरता से ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी CRPF जवान वाले मामले को भी हम गंभीरता से ले रहे हैं. इस मामले में जब तक रिपोर्ट पूरी तरह नहीं आ जायेगी तब तक इसके बारे में कुछ कह नहीं सकते हैं कि इसमें सच्चाई क्या है.

उन्होंने कहा कि BSF की रिपोर्ट आई है जिसके बाद खाने पीने के मामले में कई कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, ऐसा आगे ना हो ऐसा सुनिश्चित करने के लिए कमेटियां बनाने की कवायद हर स्तर पर शुरू हो गयी है. हम बहुत नज़दीकी से ऐसे मामलों को गंभीरता से ले रहे हैं.

सरकार के सामने रखें जा चुके हैं मुद्दे

वहीं सीआरपीएफ डीजी दुर्गा प्रसाद ने कहा कि जवान ने जो भी मुद्दे उठाएं है उनको पहले ही सरकार के सामने रखा जा चुका है. उन्होंने कहा कि अगर आप ठीक तरह से तुलना करें तो हमें वो सब नहीं मिलता है जो आर्मी को मिलता है, हमको भी नहीं मिलता हैं. लेकिन सभी मुद्दों को 7वें कमीशन के सामने रखें जा चुके हैं. वहीं उन्होंने कहा कि 2004 के बाद ही पेंशन मिलनी बंद हो गई थी. लेकिन हम स्किल डेवलेपमेंट की ट्रेनिंग देने की कोशिश कर रहे हैं जिससे रिटायरमेंट के बाद भी नौकरी का मौका मिले.

Advertisement

उन्होंने कहा कि हमारे पास अच्छी मेडिकल व्यवस्था उपलब्ध है, हमारे अस्पताल ऊंचें दर्जे के तो नहीं है पर हमें कैशलेस ट्रीटमेंट मिलता है. उन्होंने कहा कि जवानों के लिए छत्तीसगढ़ के जंगलों में भी फील्ड ऑफिसर अस्पताल खोला गया है. सभी मुद्दों को सरकार के सामने रख उनका हल ढूंढा जा रहा है.

डीजी ने कहा कि जहां तक छुट्टी मिलने की बात है तो बहुत सारे त्यौहार होते हैं हर किसी को अवकाश देना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि उस जवान की फोर्स से कोई शिकायत नहीं है बल्कि उसने आर्मी से हमारी तुलना की है.

 

 

जवान की वीडियो पर सीआरपीएफ की सफाई
सीआरपीएफ ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, सीआरपीएफ के मुताबिक ये वीडियो 16 अक्टूबर 2016 का है, अभी जवान के बयान लिए जा रहे हैं और बीएसएफ के जवान के वीडियो से वो अलग इस मामले को देख रही है क्योंकि दोनों वीडियो में दोनों जवानों ने अलग-अलग मुद्दा उठाया है. CRPF ने अपने प्रेस नोट में यह साफ किया कि कांस्टेबल ने किसी संगठन की शिकायत नहीं की है.
 

Advertisement
Advertisement