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सुषमा स्वराज ने दिए पाक से बातचीत शुरू करने के संकेत, कहा- राजनयिक संबंधों में पूर्ण विराम नहीं

सीमा पर नाजुक हालात के बीच पाकिस्तान से बातचीत की प्रक्रिया को पटरी से उतारने के लिए भारत ने पाक को दोषी ठहराया है. इसके साथ ही भारत ने सोमवार को कहा कि राजनयिक संबंधों में कोई 'पूर्ण विराम' नहीं होता.

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विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की फाइल फोटो
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की फाइल फोटो

सीमा पर नाजुक हालात के बीच पाकिस्तान से बातचीत की प्रक्रिया को पटरी से उतारने के लिए भारत ने पाक को दोषी ठहराया है. इसके साथ ही भारत ने सोमवार को कहा कि राजनयिक संबंधों में कोई 'पूर्ण विराम' नहीं होता. जाहिर है विदेश मंत्रालय के ऐसे तेवर से दोनों देशों के बीच बातचीत बहाल होने की गुंजाइश के संकेत मिले हैं.

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कश्मीरी अलगाववादियों के साथ बातचीत करने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि पाकिस्तान से यह उम्मीद करना 'बहुत ज्यादा' नहीं होगा कि उसे भारत के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. उन्होंने न्यूयॉर्क में इस महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच मुलाकात से भी इनकार नहीं किया है.

पाकिस्तान के साथ आगे क्या
पाकिस्तान के साथ रिश्तों को लेकर भावी रणनीति के बारे में विदेश मंत्री ने कहा, 'कूटनीति में कभी पूर्ण विराम नहीं होता. इसमें हमेशा अल्प विराम होते हैं इन सब के बाद, लोग सदा आगे बढ़ते हैं. राजनयिक यात्रा में कोई पूर्ण विराम नहीं होता.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच मुलाकात को लेकर सुषमा ने कहा, 'यह आने वाले दिनों में उभरने वाले हालात पर निर्भर करेगा. वह वहां पहले से कोई मन बनाकर नहीं जाएंगे.' उन्होंने ध्यान दिलाया कि प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में जब शरीफ आए थे तो उनकी मोदी के साथ हुई मुलाकात में यह तय हुआ था कि दोनों देशों के विदेश सचिवों की 25 अगस्त को इस्लामाबाद में बैठक होगी.

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सुषमा ने आगे कहा, 'मैं नहीं जानती कि उनके उच्चायुक्त को कश्मीरी अलगाववादियों को आमंत्रित करने और उनसे बातचीत करने की क्या जरूरत थी. उन्होंने खुद उन्हें आमंत्रित किया था. उन्होंने (भारत के साथ) बातचीत को पटरी से क्यों उतारा, उन्हें क्या हासिल हुआ.' विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मुंबई आतंकवादी हमले को लेकर पाकिस्तान में चलाए जा रहे मुकदमे में विलंब पर निराशा भी जताई और मुंबई में 2008 में हुए इस हमले को 2007 में समझौता एक्सप्रेस में हुए बम धमाके के बीच अंतर बताया.

100 दिनों का रिपोर्ट कार्ड
विदेश मंत्री ने पद संभालने के बाद 100 दिनों का 'रिपोर्ट कार्ड' पेश करते हुए विदेश नीति से संबंधित व्यापक घटनाक्रमों की भी चर्चा की. इनमें दक्षेस नेताओं को मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया जाना, मोदी की भूटान और नेपाल यात्रा के जरिए पड़ोसियों को प्राथमिकता देना, चीन के राष्ट्रपति की आगामी यात्रा और मोदी की इस माह के अंत में होने वाली अमेरिका यात्रा शामिल है. सुषमा ने कहा कि मोदी न्यूयॉर्क में संरा महासभा को संबोधित करने के अलावा 30 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे.

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