जब मायावती कहती हैं कि यूपी में गुंडा राज है, तो अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सरकार और उनकी समाजवादी पार्टी को मिर्ची लगती है. जब कोई ईमानदार अधिकारी माफियाओं पर नकेल कसता है, तो उसे शंट कर दिया जाता है. मगर इस तस्वीर और वाकये पर समाजवादी पार्टी क्या सफाई देगी. कानपुर देहात में यूपी सरकार की लैपटॉप वितरण स्कीम के तहत हुए कार्यक्रम में मंच पर तीन मंत्री थे और उनके पीछे एक छंटा हुआ भगोड़ा घोषित बदमाश, जिसकी पुलिस ने हिस्ट्रीशीट खोल रखी है. इस अपराधी का नाम है मंगल सिंह. इनसेट में इसकी तस्वीर देखिए और फिर मंच पर अखिलेश सरकार के माननीय मंत्रियों के साथ इसकी मौजूदगी भी.
सपा के साथ हैं सियासी रिश्ते
मंगल सिंह को पुलिस ने भगोड़ा घोषित कर रखा है. फिर भी वह यहां अखिलेश सरकार के टेक्सटाइल मंत्री शिव कुमार बेरिया. ग्रामीण विकास मंत्री अरविंद सिंह गोप और माध्यमिक शिक्षा मंत्री विजय बहादुर पाल के साथ नजर आ रहे हैं. इसकी वजह है मंगल सिंह का सियासी कनेक्शन. मंगल की पत्नी मंजू सिंह जिला पंचायत सदस्य हैं औऱ समाजवादी पार्टी से जुड़ी हुई हैं. सूत्रों की मानें तो खुद मंगल भी सपा की साइकिल पर सवार होकर राजनीति में आगे बढ़ना चाहता है.
दुर्गा का हश्र देख चुप रहे पुलिस वाले
कानपुर रीजन के पुलिस अधिकारियों ने मंच पर नजर आ रहे है मंगल सिंह को देख लिया. उन्हें ये भी पता था कि मंगल भगोड़ा है. मगर फिर भी वे किसी तरह की कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पाए. उनके सामने पिछले कुछ दिनों से आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल की नजीर जो दी जा रही है बार बार.
एडीम लेवल के एक अधिकारी ने बताया कि इस प्रोग्राम में डीएम नितिन बंसल, एसएसपी कृपा शंकर सिंह समेत पांच आला प्रशासनिक-पुलिस अधिकारी मंच पर मौजूद थे. उन्हें इस बात की जब जानकारी दी गई कि उनके पीछे एक शातिर अपराधी भी मंचासीन है, तो वे सकते में आ गए. मगर इसके बाद उन्होंने किसी भी तरह की कार्रवाई के आदेश नहीं दिए. इस अधिकारी के मुताबिक हमें पता है कि इस राज में सियासी दखल वाले अपराधियों के मामलों पर चुप ही रहना है. कानपुर देहात के एसपी राम किशुन ने भी माना कि मंच पर मंगल सिंह मौजूद था. मगर इसके आगे वह चुप्पी साध गए.