रक्षा मंत्रालय ने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में शामिल फर्म लियोनार्डो (पूर्ववर्ती फिनमेकनिका) पर 6 महीने के लिए और प्रतिबंध बढ़ा दिया है. जुलाई 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार ने इस फर्म पर प्रतिबंध लगाया था.
बता दें कि इटली की एक कोर्ट ने 3600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील के मामले में सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए सौदे में रिश्वतखोरी के आरोपों को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने यह भी कहा था कि भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी के डील को मंजूरी देने के लिए घूस लेने के आरोपों को साबित करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं.
घोटाले के आरोप पर हमलावर थी भाजपा
जब यह मामला सामने आया था, तब कांग्रेस सत्ता में थी. उस वक्त विपक्ष में रही भाजपा ने यूपीए सरकार पर घोटाले को दबाने का आरोप लगाया था. सत्ता में आने के बाद एनडीए सरकार ने इस डील को रद्द कर दिया था. इन हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति भारतीय वायुसेना को की जानी थी.
360 करोड़ के रिश्वत का था आरोप
हेलीकॉप्टर सौदे में अनुबंध की शर्तों के कथित उल्लंघन तथा सौदा हासिल करने के लिए 360 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के आरोप लगे थे. इसके बाद मामले की जांच सीबीआई तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दे दी गई थी. इटली की अदालत से भले ही इस मामले में फैसला आ चुका हो, लेकिन भारत में अभी भी इस मामले की जांच जारी है.
पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी हैं आरोपी
इस मामले में भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी और उनके परिजनों पर लाभ लेने का आरोप लगा था. प्रवर्तन निदेशालय ने त्यागी और उनके परिजनों के साथ ही यूरोपीय नागरिक कालरे गेरोसा, क्रिश्चियन मिशेल और गाइडो हास्चेक को आरोपी बनाया था.