मोदी सरकार ने आधार कार्ड स्कीम को अहम बताते हुए यूपीए सरकार के फैसले के उलट इसे अहम करार दिया है, सरकार ने कहा है कि आधार किसी भी व्यक्ति के लिए एक सार्वभौमिक पहचान है. आधार कार्ड की महत्ता पर गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र भी लिखा है. सरकार का मानना है आधार कार्ड से फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी. आधार कार्ड नहीं होगा आपका एड्रेस प्रूफ!
गृह मंत्रालय ने कहा कि वह कभी भी, कहीं भी, किसी भी तरह इसके लाभार्थियों को इसके प्रमाणन में मदद करेगी. आधार कार्ड वंचित और जरूरतमंद लोगों को बैंकिंग सुविधा जैसी सेवाओं तक पहुंच बनाने में मदद करता है। इसमें कहा गया है कि, चूंकि आधार व्यक्ति की भौगोलिक और बायोमेट्रिक सूचना पर आधारित है, इससे धोखाधड़ी और फर्जी गतिविधियों को समाप्त करने में मदद मिलेगी. पत्र के अनुसार, आधार सार्वभौम पहचान प्रदान करेगा.
गृह मंत्रालय का ताजा रूख पहले के रूख से पूरी तरह से विपरीत है जो राजनाथ सिंह के दो पूर्ववर्ती सुशील कुमार शिंदे और पी चिदंबरम के समय व्यक्त किये गए थे. पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के समय गृह मंत्रालय ने भारतीय विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईडीएआई) के आंकड़ों की विश्वसनीयता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि पहचान की विशिष्टता किसी की पहचान की प्रामाणिकता या दूसरे आधार संख्या की प्रमाणिकता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी शर्त नहीं है. उस समय मंत्रालय ने आधार संख्या प्राप्त करने के लिए लोगों की ओर से पेश किये गए पहचान और पते का प्रमाण संबंधी दस्तावेज पर सवाल खड़ा किया था.
राज्य सरकारों को लिखे ताजा पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा कि आधार के कई फायदे हें और इसका उपयोग कई स्थानों पर एक पहचान साबित करने के लिए आसानी से किया जा सकता है. कोई भी व्यक्ति बैंक में खाता खुलवाने के लिए आधार संख्या का उपयोग कर सकता है जहां आरबीआई के नियमों के तहत उसे अपने उपभोक्ता का जाने पेश करना होता है. इसका उपयोग ऑनलाइन टिकट बुक करने, पासपोर्ट के लिए आवेदन करने और कई ऐसे स्थानों पर जहां पहचान का प्रमाण पेश करना होता है.