सरकार ने वॉट्सऐप को आज (गुरुवार को) एक और नोटिस भेजकर फर्जी और भ्रामक संदेशों (फेक न्यूज) के प्रसार को रोकने के लिए प्रभावी समाधान करने को कहा. सरकार ने कंपनी को चेतावनी दी है कि अफवाहों के प्रसार में माध्यम बनने वाले भी दोषी माने जाएंगे और मूक दर्शक बने रहने पर उन्हें भी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
बता दें कि सरकार ने देश में फर्जी और भ्रामक संदेश फैलने के कारण आक्रोशित भीड़ द्वारा निर्दोष व्यक्तियों की हत्या समेत हिंसा के कई मामले सामने आने के बाद वॉट्सऐप पर कड़ा रुख अख्तियार किया है. सरकार इससे पहले भी वॉट्सऐप को इस तरह की खबरों एवं संदेशों पर रोक लगाने के लिए चेतावनी दे चुकी है.
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने जारी बयान में कहा, 'बुरे तत्वों द्वारा जब अफवाहें या फर्जी खबरें फैलाई जाती हैं, इस तरह के दुष्प्रचार में माध्यम बनने वाले जिम्मेदारी और जवाबदेही से नहीं बच सकते हैं. यदि वे मूकदर्शक बने रहते हैं तो उन्हें भी इन संदेशों का वाहक माना जाएगा और फिर उन्हें आगे की कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.'
मंत्रालय ने कहा कि उसने जवाबदेही और कानून के बेहतर प्रवर्तन के लिए वॉट्सऐप को अधिक प्रभावी समाधान लाने को कहा है. मंत्रालय ने कहा, 'उन्हें अचूक लहजे में बताया गया है कि यह बेहद गंभीर मसला है और इसके लिए बेहद जिम्मेदार तरीके से कदम उठाने की जरूरत है.'
कानून एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को राज्यसभा को सूचित किया कि वह सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए राजनीतिक दलों समेत विभिन्न हितधारकों से मुलाकात करेंगे. उन्होंने इससे पहले वॉट्सऐप से कहा था कि वह जिम्मेदारी और जवाबदेही से नहीं बच सकती है. इसके बाद वॉट्सऐप ने एक नये फीचर की घोषणा की थी जिसके तहत उपभोक्ता यह पहचान कर सकते हैं कि उन्हें भेजा गया अमुक संदेश भेजने वाले ने भी कहीं से प्राप्त होने पर फॉरवार्ड किया है. इसके लिये कंपनी ने ‘फॉरवर्ड लेबल’ की व्यवस्था की है.
सरकार ने कहा है कि केवल फॉरवर्डेड के बारे में जानकारी देना काफी नहीं है, कंपनी को ऐसे संदेशों को रोकने के लिये ठोस उपाय करने चाहिये.