रेल मंत्रालय ने आरक्षित एवं अनारक्षित टिकट जारी करने की सुविधाओं में इजाफा करने के लिए यात्री टिकट सुविधा केंद्रों (वाईटीएसके) पर कम्प्यूटरीकृत यात्री आरक्षण प्रणाली सह अनारक्षित टिकट प्रणाली टर्मिनल्स की स्थापना एवं संचालन के मद्देनजर इस क्षेत्र में सरकारी सार्वजनिक सहभागिता-पीपीपी को अनुमति देने का निर्णय लिया है. इस योजना के अनुसार, वे सभी टिकटिंग एजेंट जिन्होंने पिछले कम से कम पांच वर्षों में रेल टिकट (आरक्षित एवं अनारक्षित) उपलब्ध कराने में भारतीय रेल यात्रियों की मदद की है, वाईटीएसके के लाइसेंस धारक बन सकते हैं.
रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि इन वाईटीएसके काउंटरों पर जनरल और तत्काल बुकिंग, पर्याप्त वित्तीय सुरक्षा, रियायती टिकटों की बुकिंग को अनुमति नहीं (वरिष्ठ नागरिकों को छोड़कर), सामूहिक टिकटों की बुकिंग नहीं और टिकटों को रद्द करने में प्रतिबंध आदि के लिए कई उपाए किए गए हैं. उन्होंने कहा कि चूंकि टिकटों की बुकिंग पर रेलवे का पूरा नियंत्रण है, इसलिए किसी भी तरह की गलत प्रक्रिया का पता चलते ही कनेक्शन अपने आप 'डिस्एबल्ड' हो जाएगा.
- इनपुट IANS से