मोदी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर अपने काम की रिपोर्ट पेश की. उन्होंने कहा कि मोदी की सरकार ने सिर्फ 'सबका साथ, सबका विकास' नारा नहीं दिया. बल्कि काम करके दिखाया.
नजमा ने कहा कि हम कोचिंग कराते हैं. इस बार कोचिंग से 5 बच्चे सिविस सर्विस में आए. लड़कियों को स्कॉलरशिप, फेलोशिप दी गई. स्किल डेवलेपमेंट किया गया.
मदरसों में स्किल डेवलेपमेंट
मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पिछली सरकार ने मदरसों की बात की लेकिन ज्यादा कुछ नहीं किया. हमने मदरसों में स्किल डेवलेपमेंट किया. मदरसों में कौशल विकास के लिए वर्ल्ड बैंक ने 50 मिलियन डॉलर लोन दिया और ये मॉड्यूल दूसरे देश में उपयोग किया.
सरकार बनने से पहले खौफ का माहौल बनाया
अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री ने कहा, 'मोदी सरकार आने से पहले विरोधियों ने खौफ का माहौल बनाया कि अल्पसंख्यक मंत्रालय खत्म हो जाएगा या बजट कम होगा, लेकिन हमारा बजट बढ़ता गया.' उन्होंने कहा कि हुनर से रोजगार स्कीम के जरिए पुश्तैनी काम को बढ़ावा दिया. वक्फ संपत्तियों की कीमत 6 लाख रू करोड़ रुपए है, यदि हम इन संपत्तियों को ले लेते हैं तो अल्पसंख्यकों के विकास के लिए एक बड़ी परिसंपत्ति होगा.
हम सही राह पर
मंत्री ने कहा कि हम सही रास्ते पर हैं. 28 मई को विज्ञान भवन में सफल कहानियों को दिखाने के लिए एक कार्यक्रम करेंगे. हमारी योजनाओं से 32 मदरसों और 24 हजार बच्चों को लाभ मिला है.