हुर्रियत कान्फ्रेंस के नरमपंथी धड़े ने कश्मीर पर केंद्र सरकार की ताजा पहल को खारिज करते हुए कहा कि यह निराशाजनक है क्योंकि इसमें राज्य के लोगों की महत्वाकांक्षा को पूरा करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी झलकती है.
मीरवाइज उमर फारुक की अध्यक्षता वाले धड़े के प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र का कदम संकट में घिरी राज्य की उमर अब्दुल्ला सरकार को राहत प्रदान करने की कोशिश है. प्रवक्ता ने कहा कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्य की अपनी हाल की यात्रा के दौरान स्थिति की गंभीरता का आकलन किया था लेकिन इसके बावजूद आठ सूत्री फार्मूले में मुख्य मुद्दे को समझने और उस पर ध्यान देने की इच्छाशक्ति की कमी झलकती है जो निराशाजनक है.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले सैयद अली शाह गिलानी की अध्यक्षता वाले हुर्रियत कान्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े ने केंद्र के इस पैकेज को खारिज करते हुए इसे मात्र एक 'ढकोसला' करार दिया था. प्रवक्ता ने कहा कि कश्मीर में शांति और स्थिरता केवल कश्मीर मुद्दे के समाधान से ही आ सकती है और राजनीतिक तथा आर्थिक रियायतों से नहीं. उन्होंने कहा, ‘यह (पैकेज) एक बार फिर राज्य की जनता की राजनीतिक महत्वाकांक्षा पर ध्यान देने की नई दिल्ली की अरुचि को दिखाता है जिसके लिए वे पिछले छह दशक से आंदोलन कर रहे हैं.’{mospagebreak}मीरवाइज ने कश्मीर मुद्दे पर स्वीकार्य हल तक पहुंचने के लिए एक बार फिर पाकिस्तान को शामिल करने की वकालत की है. प्रवक्ता ने कहा, ‘हमने कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए संबंधित पक्षों कश्मीर, भारत और पाकिस्तान की जनता के बीच साझेदारी की एक सार्थक प्रक्रिया की पहल के लिए सरकार को कुछ सुझाव दिये हैं.’ उन्होंने कहा, ‘जनता को विश्वास के आधार पर राहत प्रदान करने के लिए सुझाव जरूरी हैं. लेकिन हमें निराशा है कि इस बारे में कोई प्रगति नहीं हुई है.’
मीरवाइज ने जताया कि उन्हें लगता है कि कश्मीर पैकेज का मकसद ‘वास्तविक’ मुद्दे से ध्यान हटाना है. नजरबंद मीरवाइज ने अपने संगठन के पदाधिकारियों से टेलीकांफ्रेंसिंग के जरिये बातचीत की, जिसके बाद नरमपंथी धड़े की प्रतिक्रिया आयी. केंद्र सरकार ने घाटी में हालात सामान्य करने के लिए शनिवार को कुछ कदमों के साथ एक पैकेज की घोषणा की थी.