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यूक्रेन में 33000 हजार फीट पर मलेशियाई विमान को उड़ाया, 15 KM तक लाशें बिखरीं

मलेशिया एयरलाइंस के एक विमान को हवा में ही मार गिराया गया. इस बर्बर कार्रवाई में सभी 283 मुसाफिर और 15 क्रू मेंबर मारे गए. रूस समर्थक यूक्रेनियन विद्रोहियों ने हमले की जिम्मेदारी ली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर शोक जताया है. वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यूक्रेन मसले पर आपात बैठक बुलाई है.

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रूस समर्थक यूक्रेनियन विद्रोहियों ने हमले की जिम्मेदारी ली
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रूस समर्थक यूक्रेनियन विद्रोहियों ने हमले की जिम्मेदारी ली

मलेशिया एयरलाइंस के एक विमान को हवा में ही मार गिराया गया. इस बर्बर कार्रवाई में सभी 283 मुसाफिर और 15 क्रू मेंबर मारे गए. रूस समर्थक यूक्रेनियन विद्रोहियों ने हमले की जिम्मेदारी ली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर शोक जताया है. वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यूक्रेन मसले पर आपात बैठक बुलाई है.

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33000 हजार फीट पर आग के गोले में तब्दील होकर विमान सीधे-सीधे ज़मीन पर आ गिरा. विमान में सवार सभी 298 जिंदगियां एक झटके में खत्म हो गईं. विदेशी न्यूज एजेंसी के मुताबिक 15 किलोमीटर तक लाशें बिखर गईं.

नीदरलैंड्स के एम्सटर्डम से कुआलालंपुर लौट रहा मलेशियाई विमान MH-17 का संपर्क अचानक टूट गया. उस वक्त विमान यूक्रेन के वार जोन से गुजर रहा था. जब तक संपर्क टूटने की वजह का पता चलता, बुरी खबर सामने आ गई. पूर्वी यूक्रेन की सीमा पर मलेशियाई विमान का मलबा दूर-दूर तक बिखरा मिला.

इस हादसे ने दुनिया हैरान थी. लेकिन, हादसे की वजह और भी चौंकाने वाली थी. समाचार एजेंसी एपी ने यूक्रेन के गृह मंत्रालय के सलाहकार एंटन हेराशेंको के हवाले से दावा किया कि प्लेन को पूर्वी यूक्रेन के ऊपर अलगाववादियों ने बक मिसाइल से निशाना बनाया. उस वक्त विमान 33,000 फीट की ऊंचाई पर था.

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बक मिसाइल से हमले की थ्योरी इसलिए भी सच के करीब दिख रही है. क्योंकि बक रूसी मिसाइल है और सरकार विरोधी यूक्रेनियन विद्रोहियों को रूस का समर्थन हासिल है. बक मिलाइल की मारक क्षमता भी 12 हजार मीटर की है.

पूर्वी यूक्रेन का इलाका वार जोन में बदला हुआ है. यहां यूक्रेन सरकार और रूसी समर्थक विद्रोहियों में जंग छिड़ी हुई है. यूरोपियन एविएशन एंड सेफ्टी एजेंसी अप्रैल से ही अलर्ट जारी करती रही है कि इस वारजोन के ऊपर उड़ान ना भरें. अमेरिकन, ब्रिटिश और यूरोप के कुछ एयरलाइंस इन इलाकों में उड़ने पर बैन लगा रखा है. लेकिन मलेशियाई एयरलाइंस के पायलट फ्यूल बचाने के लिए इसकी अनदेखी करते रहे हैं.

विद्रोही गुट ने इस हमले की ली जिम्मेदारी
रूसी समर्थक एक यूक्रेनियन विद्रोही नेता ने इसी खूनी कांड की जिम्मेदारी ली. विद्रोही नेता ने विमान के ब्लैक बॉक्स मिलने का भी दावा किया. पहले अलगाववादी नेता एलेक्जेंडर बोडरेई ने आरोप लगाया है कि ये यूक्रेन सरकार की करतूत है. लेकिन यूक्रेन की सिक्योरिटी एजेंसी ने एक फोन कॉल का रिकॉर्डिंग जारी कर उनकी पोल खोल दी. इसमें रूसी मिलिट्री इंटेलिजेंस और यूक्रेनी के विद्रोही के बीच बातचीत है. मिसाइल अटैक के 20 मिनट बाद की इस बातचीत में विद्रोही मान रहा है कि उसने कार्गो विमान समझकर मार दिया.

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अमेरिकी खुफिया एंजेसी ने भी इस बात पुष्टि कर दी कि विमान को मिसाइल दागकर गिराया गया. इससे पहले यूक्रेन सरकार ने साफ कर दिया था कि उनकी सेना ने हवा में किसी लक्ष्य को नहीं साधा है और ना ही उनके पास ऐसी क्षमता है. यूक्रेन के राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको ने कहा है कि उनकी सेना ने हवा में किसी लक्ष्य को नहीं भेदा है. लेकिन हमले की जांच के बाद जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा.

इस सनसनीखेज हमले के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से फोन पर बात की. ओबामा ने वरिष्ठ अधिकारियों से यूक्रेन सरकार के संपर्क में रहने को कहा.

दुनिया के ज्यादातर देशों ने पूर्वी यूक्रेन के वारजोन के ऊपर से विमान ले जाने पर बैन लगा दिया है. एयर इंडिया और जेट एयरवेज ने साफ कर दिया कि वो पहले ही इस रूट पर विमान नहीं उड़ाते हैं.

वार जोन में लगातार हो रहे हैं हमले
मलेशियन विमान यूक्रेन के जिस इलाके दोनेत्स्क में गिरा वो जंग का मैदान बना हुआ है. दोनेत्स्क को अब भी रूस समर्थक विद्रोहियों के कब्जे से मुक्त कराने के लिए यूक्रेन की सेना कार्रवाई कर रही है. बुधवार को ही यूक्रेन ने रूसी वायुसेना पर अपना एक लड़ाकू विमान एसयू-25 को मार गिराने का आरोप जड़ा था. इससे पहले भी विद्रोहियों ने एन-26 विमान को मार गिराया था. 7 अप्रैल को दोनेत्स्क ने यूक्रेन से अलग होने का ऐलान कर दिया था. 11 मई को बकायदा इसके लेकर एक जनमत संग्रह कराया गया और 12 मई को इसके पक्ष में नतीजे आए. इससे पहले 25 मार्च को विद्रोही प्रांत क्रीमिया को रूस ने अपने कब्जे में ले लिया था इसके बाद से ही पूर्वी यूक्रेन में खूनखराबा जारी है.

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5 महीने के भीतर मलेशिया एयरलाइंस के साथ दूसरा हादसा
मलेशिया के लिए 5 महीने बाद एक बार फिर वक्त ठहर-सा गया. पांच महीने में दूसरी बार उसे जख्म मिला और वो भी उसी अंदाज में. फर्क बस इतना है कि पहले एक विमान रहस्यमयी अंदाज में मुसाफिरों समेत गायब हो गया था और अब दूसरा विमान सभी यात्रियों समेत कब्रगाह बन गया. पांच महीने में मलेशियाई विमान ने 537 जिंदगियों को तबाह होते देखा. 8 मार्च को जो हादसा हुआ उसका तो सुराग भी नहीं मिला. 239 मुसाफिरों को लेकर MH 239 कुआलालंपुर से बीजिंग जा रहा था तभी अचानक गायब हो गया.

नरेंद्र मोदी ने जताया शोक
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मलेशिया एयरलाइंस विमान हादसे पर शोक जताया है. उन्होंने ट्वीट करके लिखा, 'विमान MH17 हादसे में मारे गए सभी लोगों के परिजनों के लिए प्रार्थना करता हूं. दुख की इस घड़ी में हम उनके साथ हैं.'

यूक्रेन मसले पर यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की आपात बैठक
वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को यूक्रेन मसले पर आपातकाल बैठक बुलाई है. ब्रिटेन के यूएन मिशन ने बताया कि उन्होंने गुरुवार को बैठक बुलाने की मांग की थी हालांकि उन्होंने बाद में ट्वीट करके जानकारी दी कि यह बैठक शुक्रवार को होगी. संयुक्त राष्ट्र सचिव बान की मून ने इस हादसे की अंतरराष्ट्रीय जांच कराने की बात कही है. उन्होंने हादसे में मारे गए लोगों के लिए शोक व्यक्त किया है.

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