आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव इलाज के लिए दिल्ली लाए गए हैं. सजा सुनाए जाने के बाद से वे झारखंड की रांची जेल में बंद थे. बुधवार को रांची से ट्रेन के जरिए वे दिल्ली के रवाना हुए, इस दौरान ट्रेन में आजतक ने उनसे खास बातचीत की. लालू ने बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन बनाने की पहल की, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व करने के सवाल को वो टाल गए.
लालू ने कहा कि ममता बनर्जी की तीसरे मोर्चे की पहल काफी अच्छी है लेकिन अभी यह तय नहीं है कि इसका नेतृत्व कौन करेगा. अभी नेतृत्व का कोई सवाल नहीं है, ये बाद की बात है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में यह फ्रंट बनेगा या नहीं इस पर सब लोग बैठकर विचार करेंगे, अभी इस बारे में किसी से कोई बात नहीं हुई है.
लालू ने कहा कि साल 2019 में होने वाले चुनावों में कोई अलग से मोर्चा नहीं होगा, वही मोर्चा होगा जिसमें हम सभी लोग होंगे. बीजेपी के लोग मीडिया से जो बात करते हैं वो सब बेमानी है.
लालू ने कहा कि जब मैंने रैली की थी तभी अपील की थी कि देश खतरे में है, संविधान खतरे में है और उस समय मैंने सभी से एक होने की अपील की थी. देश में जितनी भी विपक्षी पार्टियां हैं, बीजेपी ने उनके बंटवारे का राजनीतिक फायदा उठाया है. इसीलिए हम देश की तमाम विपक्षी ताकतों को एक करेंगे.
सोनिया-ममता की एकता की अपील
लालू ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विपक्षी दलों से मिलने पर कहा कि मैंने पहले भी सोनिया गांधी और ममता बनर्जी से एक होने की अपील की थी. मुझे खुशी है कि उत्तर प्रदेश में मायावती और अखिलेश उसी राह पर चल पड़े हैं जो हमने सोची थी. उन्होंने कहा कि सभी लोग अच्छी दिशा में जा रहे हैं. 'मैं बीमार हूं और सभी से अपील करता हूं कि आप सब जल्द से जल्द इकट्ठा हों और अपने इगो या दूसरी किसी भी प्रॉब्लम को किनारे करें और देश को एक सशक्त विकल्प दें.'
महागठबंधन और थर्ड फ्रंट एक है
थर्ड फ्रंट पर बात करते हुए लालू ने कहा कि यह कुछ नहीं है, यह किसी तरह अलग नहीं है. यह वही विपक्षी एकता है जो पहले थी, वही आज भी है अब केवल उसे थर्ड फ्रंट कहा जाता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अलग करके या अलग- अलग करके किसी फ्रंट की बात नहीं की जा सकती, क्योंकि कांग्रेस विपक्ष में है और बाकी सब भी विपक्ष में हैं इसलिए सभी फ्रंट एक हैं.