2019 के लोकसभा चुनाव को जीतने के लिए केंद्र की बीजेपी सरकार ने मास्टरप्लान तैयार कर लिया है. अप्रैल महीने के मध्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्रामीण विकास की महत्वाकांक्षी योजना 'मिशन अंत्योदय' की शुरुआत करेंगे. मिशन अंत्योदय योजना के जरिए सरकार का टार्गेट 2019 तक 50,000 ग्राम पंचायतों को गरीबी मुक्त करना है. इन चयनित पचास हजार गांवों को सभी बुनियादी और आधुनिक सुविधाओं और संसाधनों से लैस किया जाएगा.
केंद्र सरकार की तरफ से शुरु की गई सभी योजनाओं को इन ग्राम पंचायतों में लागू कर उसका लाभ यहां के लोगों को दिया जाएगा. इस योजना में सांसद आदर्श ग्राम योजना की खूबियों और कमियों को ध्यान में रखते हुए इस योजना का रोडमैप तैयार किया गया है. सांसद आदर्श ग्राम योजना से सबक लेते हुए फाइनेंशियल बाधाओं को दूर किया गया है. केंद्र सरकार की तैयारी बाबा साहेब अंबेडकर के जन्मदिन के आस-पास इस योजना को लांच करने की है. सरकार का लक्ष्य है कि गांधीजी के 150वें जन्मदिवस समारोह वर्ष 2019 तक 50,000 ग्राम पंचायतों को शहरों के बराबर लाकर खड़ा कर दिया जाए.
इस योजना के तहत ग्राम पंचायतों के चयन के लिए सख्त क्राइटेरिया तय किया गया है. जो ग्राम पंचायतें इन पर खरा उतरेंगी उनको इस योजना के तहत शामिल किया जाएगा.
ग्राम पंचायतों के चयन की परिक्रिया में उन ग्राम पंचायतों का चयन किया जाएगा जो खुले में शौच से मुक्त हों, अपराध और विवाद मुक्त हों, वो ग्राम पंचायत जिनको या जिनके ग्राम प्रधान को पुरस्कार मिला हो, जो ग्राम पंचायतें जल संरक्षण के मिशन से जुड़ी हों, रुर्बन क्लस्टर ग्राम पंचायत हो या सांसद आदर्श ग्राम योजना वाली ग्राम पंचायत हो.
सरकार का लक्ष्य
सरकार का टार्गेट है कि इन 50,000 ग्राम पंचायतों में शहरों की तरह हर तरह की सुविधा और संसाधन मौजूद हो. सरकार की तरफ से तैयार ड्राफ्ट में इन सभी ग्राम पंचायतों में बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों के लिए सामाजिक सुरक्षा, खेलकूद युवा क्लब कल्चर, कनेक्टिविटी, सड़कें, इंटरनेट, एलपीजी, आधार, डीबीटी और ट्रांसपोर्ट की आधुनिक सुविधा देने का लक्ष्य रखा गया है.
इसके अलावा कृषि के अलावा दूसरे रोजगार के साधन विकसित करने, शिक्षा और कौशल विकास के कार्यक्रम चलाने, महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप को बढ़ावा देने, बिजली, आवास और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से लैस करने की योजना है और इसके अलावा ऐसी ग्राम पंचायतों को आधुनिक अस्पताल की सुविधा के साथ-साथ बैंक लोन और वितीय समायोजन का भी टार्गेट है.
ऐसी ग्राम पंचायतों में केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों के सहयोग से कृषि, पशुपालन, बागवानी, मात्स्यिकी, वेयरहाउसिंग, पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्लस्टर तैयार किए जाएंगे.
किस राज्य से कितनी ग्राम पंचायत
इस योजना के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को नोडल मंत्रालय बनाया गया है. योजना के ड्राफ्ट के मुताबिक उत्तरप्रदेश से 10783, महाराष्ट्र से 5227, मध्यप्रदेश से 4622, राजस्थान से 1959, जम्मू-कश्मीर से 851, झारखंड से 898, गुजरात से 2630, बिहार से 1793, छत्तीसगढ़ से 2287, असम से 570 ग्राम पंचायतों को इस योजना में शामिल करने की तैयारी है.