रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के चीफ सतीश रेड्डी ने मिशन शक्ति को लेकर पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम के टिप्पणी पर जवाब दिया है. उन्होंने दो टूक कहा कि मिशन शक्ति की सफलता को गोपनीय नहीं रखा जा सकता था. इसको दुनिया के कई अंतरिक्ष स्टेशन में ट्रैक किया गया था. हालांकि हमने मिशन शक्ति के परीक्षण के लिए सभी जरूरी मंजूरियां ले ली थी.
डीआरडीओ चीफ ने कहा कि भारत ने अंतरिक्ष में सैटेलाइट मार गिराने की क्षमता को प्रदर्शित किया है. भारत ने अंतरिक्ष में सैन्य ताकत हासिल की है. डीआरडीओ ने अंतरिक्ष में एंटी सैटेलाइट मिसाइल (ASAT) से लाइव सैटेलाइट को मार गिराने का प्रेजेंटेशन वीडियो भी जारी किया है.
#WATCH Defence Research and Development Organisation releases presentation on #MissionShakti pic.twitter.com/4llQ1t3JUG
— ANI (@ANI) April 6, 2019
DRDO Chief G Satheesh Reddy on P Chidambaram's statement on #MissionShakti : Mission of this nature after a test is conducted can’t be kept secret. The satellite is tracked by many stations across the world. All necessary permissions were taken. pic.twitter.com/A9mYnttZag
— ANI (@ANI) April 6, 2019
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन शक्ति की सफलता के बाद ऐलान किया था कि भारत ने अंतरिक्ष में लाइव सैटेलाइट को मार गिराया है. भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है. इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन ने ऐसी क्षमता हासिल की थी. वहीं, पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मिशन शक्ति की सफलता की जानकारी सार्वजनिक करने की कड़ी आलोचना की थी.
उन्होंने कहा था कि सिर्फ एक मूर्ख सरकार ही ऐसे डिफेंस सीक्रेट को सार्वजनिक कर सकती है. कांग्रेस नेता चिदंबरम ने ट्वीट किया था, 'अंतरिक्ष में सैटेलाइट को मार गिराने की क्षमता कई वर्षों से है. एक बुद्धिमान सरकार ऐसी क्षमता को सीक्रेट रखेगी. सिर्फ एक मूर्ख सरकार ही इसको उजागर करेगी और डिफेंस सीक्रेट से विश्वासघात करेगी.'
इसके अलावा डीआरडीओ चीफ सतीश रेड्डी ने नासा को भी जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि इस परीक्षण से अंतरिक्ष में पैदा हुआ मलबा 45 दिन में खत्म हो जाएगा. दरअसल, अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मिशन शक्ति की सफलता के बाद कहा था कि इस परीक्षण की वजह से एंटी सैटेलाइट मिसाइल के मलबे के 400 टुकड़े अंतरिक्ष में फैल गए हैं, जिससे अंतरिक्ष स्टेशन और अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खतरा पैदा हो गया है.
इससे पहले इसरो चेयरमैन के सीनियर एडवाइजर तपन मिश्रा ने नासा को करारा जवाब दिया था. मिश्रा ने कहा था कि भारतीय वैज्ञानिक कभी कोई ऐसा काम नहीं करेंगे, जिससे उनके देश को शर्मिंदगी झेलनी पड़े.
अहमदाबाद स्थित स्पेस एप्लीकेंशंस सेंटर के पूर्व निदेशक तमन मिश्रा ने कहा था, 'कई बार शादी में भी कुछ सबसे अच्छे दोस्त खाने की आलोचना करते हैं. जब हम कुछ अलग काम करते हैं, तो हमें अक्सर फूलों की माला नहीं पहनाई जाती हैं. यह जिंदगी का अहम हिस्सा है. भारत ने अंतरिक्ष में 300 किमी की ऊंचाई पर परीक्षण किया, जहां वायु का दबाव बहुत ही कम होता है.'