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विज्ञापन से खुली मोदी सरकार के 'हिंदी प्रेम' की पोल

हिंदी भाषा को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार हमेशा बड़े-बड़े दावे करती रही है. गुरुवार को भोपाल में 10वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन की शुरुआत के मौके पर भी प्रधानमंत्री मोदी ने हिंदी भाषा को समृद्ध बनाने की वकालत की, लेकिन हिंदी को लेकर सरकार के तमाम दावों की पोल उसका एक विज्ञापन खोल रहा है.

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स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने जारी किया है विज्ञापन
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने जारी किया है विज्ञापन

हिंदी भाषा को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार हमेशा बड़े-बड़े दावे करती रही है. गुरुवार को भोपाल में 10वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन की शुरुआत के मौके पर भी प्रधानमंत्री मोदी ने हिंदी भाषा को समृद्ध बनाने की वकालत की, लेकिन हिंदी को लेकर सरकार के तमाम दावों की पोल उसका एक विज्ञापन खोल रहा है.

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भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से प्रसारित किए जा रहे धूम्रपान निषेध के विज्ञापन की पहली लाइन में मात्रा की गलती है. यह विज्ञापन देशभर के सिनेमाघरों और टेलीविजन में भी दिखाया जा रहा है.

लाखों लोग रोजाना देखते हैं ये विज्ञापन
विज्ञापन की टैग लाइन है- 'धूम्रपान पड़ेगा महंगा', इसमें आखिरी शब्द में मात्रा की गलती है. सही शब्द है- 'महंगा', जबकि सरकार के विज्ञापन में लिखा गया है- 'मंहगा'. मोदी सरकार एक ओर जहां हिंदी के संरक्षण की बात करती है तो वहीं दूसरी ओर रोजाना लाखों लोगों को दिखाए जाने वाले विज्ञापन में भी हिंदी भाषा की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

पीएम मोदी ने गुरुवार को भोपाल में कहा कि हिंदी उन तीन भाषाओं में शामिल है जो आगे चलकर डिजिटल वर्ल्ड में अपनी धाक जमाएगी. लेकिन सरकार की ओर से की जा रही यह लापरवाही हिंदी भाषा को समृद्ध बनाने को लेकर उसके दावों की हवा  निकाल रही है.

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