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#MeToo: एमजे अकबर केस में आज नहीं होगी सुनवाई, 18 अक्टूबर तक टली

आपको बता दें कि करीब 10 से अधिक महिला पत्रकारों ने केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर परउत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. आरोपों के बाद से ही उनके इस्तीफे की मांग उठ रही है.

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फोटो - aajtak.in
फोटो - aajtak.in

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देश में जारी #MeToo लहर को चुनौती देते हुए सोमवार को केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर और अभिनेता आलोक नाथ ने अदालत का रुख कर उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगानेवाली महिलाओं के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया.

उम्मीद की जा रही थी एमजे अकबर के मामले में आज सुनवाई हो सकती है, लेकिन फिलहाल यह सुनवाई टल गई है. दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने इस केस पर 18 अक्टूबर को सुनवाई करने का निर्णय लिया है. हालांकि, एमजे अकबर के वकील सुनवाई पहले कराने की मांग भी कर सकते हैं.

एम जे अकबर ने पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ फौजदारी मानहानि का मामला दर्ज कराया, वहीं अभिनेता आलोक नाथ ने मुंबई में लेखक-निर्देशक विन्ता नंदा के खिलाफ दीवानी वाद दर्ज कराया.दोनों महिलाओं ने इसे आरोपियों द्वारा अपनाई गई धमकाने वाली रणनीति करार दिया है.

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बता दें कि अकबर ने सोमवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में प्रिया रमानी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया है. प्रिया रमानी इस मामले में बयान जारी कर अपनी राय रखी है. नाइजीरिया से लौटने के बाद विदेश राज्यमंत्री ने कई महिलाओं द्वारा उनके खिलाफ लगाए यौन उत्पीड़न के आरोपों को रविवार को खारिज करते हुए इन्हें ‘‘झूठा, मनगढ़ंत और बेहद दुखद’’ बताया था. सोमवार को उन्होंने कार्यभार संभालते हुए विदेश मंत्रालय की बैठकों में हिस्सा लिया.

अकबर की ओर से उतरेगी लंबी-चौड़ी फर्म!

गौरतलब है कि एमजे अकबर की ओर से जो फर्म इस केस की लड़ाई लड़ रही है, उसमें कुल 97 वकील हैं. हालांकि, सभी वकील एक साथ केस नहीं लड़ेंगे बल्कि इनमें से कोई भी वकील हिस्सा ले सकता है. जिसके बाद रमानी ने कहा कि वह इन चीजों से डरेगी नहीं, इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर वकीलों सहित कई लोगों ने रमानी की मदद की पेशकश की और कई ने क्राउड फंडिंग की मांग भी की.

BJP ने किया बचाव

भाजपा प्रवक्ता जी वी एल नरसिम्हा राव से प्रेस कांफ्रेंस में पूछा गया था कि क्या सत्ताधारी पार्टी कई महिलाओं की ओर से अकबर के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर उनके बयान से सहमत है. राव ने कहा, ‘‘मामला सहमत या असहमत होने का नहीं है। उन्होंने अपना पक्ष सामने रख दिया है.’’

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कांग्रेस ने मंत्री को घेरा

कांग्रेस ने इस मामले में पूछा कि क्या अकबर पर आरोप लगाने वाली एक महिला पत्रकार के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराए जाने के पीछे प्रधानमंत्री मोदी का हाथ है?

कांग्रेस प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के कैबिनेट के एक व्यक्ति पर इस तरह का गंभीर आरोप लगा है, कोई एक व्यक्ति ने नहीं, बल्कि 14 महिलाओं ने मंत्री पर आरोप लगाए हैं. हम प्रधानमंत्री जी से पूछना चाहते हैं कि इस मसले पर आपकी क्या सोच है? आपके क्या विचार है? जो महिलाएं उत्पीड़ित हुई हैं, उनके लिए आपके पास कहने के लिए क्या है?

वहाब ने फिर दोहराए अपने आरोप

विदेश राज्यमंत्री एम.जे. अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला पत्रकार गजाला वहाब ने सोमवार को कहा, 'हां, झूठ के पांव नहीं होते' और वह बहुत दूर चल नहीं सकता. इससे एक दिन पहले अकबर ने उनके ऊपर लगाए गए यौन-उत्पीड़न के आरोपों को बेबुनियाद और निराधार बताया था और कहा था--'झूठ के पांव नहीं होते'.

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