अयोध्या विवाद पर कोर्ट के फैसले में राम मंदिर के निर्माण को एकमत से स्वीकार कर लिया गया. यही पूरे विवाद का मूल बिंदु भी था. यह हमारे जीवनकाल के सबसे चुनौतीपूर्ण विवादों में से एक के सौहार्दपूर्ण समाधान का अनूठा अवसर मुहैया कराता है.
यह फैसला भगवान राम की जन्मभूमि पर विवाद का समाधान करता है. साथ ही यह बड़े क्षेत्र के भीतर एक मस्जिद के निर्माण के लिए भी जगह उपलब्ध कराता है, अगर सुन्नी वक्फ बोर्ड ऐसा करना चाहे. मस्जिद के लिए एक-तिहाई जमीन देने की बात कही गई है.
सबसे अहम बात यह है कि भारत के लोगों ने फैसले पर शांतिपूर्ण और परिपक्व प्रतिक्रिया व्यक्त की है. देशवासियों ने अतीत के दु: स्वप्न से उबरकर बेहतर भविष्य की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है.
(एम. जे. अकबर इंडिया टुडे के संपादकीय निदेशक हैं.)