वरिष्ठ बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी बुधवार को नागपुर संघ मुख्यलय पहुंचे. जोशी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ करीब डेढ़ घंटा मुलाकात की. संघ सूत्रों के मुताबिक जोशी और भागवत की यह मुलकात उत्तर प्रदेश के चुनावी समीकरणों को लेकर थी.
बताया जाता है कि उन्होंने नई सरकार में किनारे किए गए भगवा नेताओं को सम्मानजनक स्थान दिए जाने की पैरवी की. एनडीए सरकार में पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री रहे जोशी के बारे में समझा जाता है कि उन्होंने भागवत के साथ मुलाकात में यह सुनिश्चित करने में संघ के हस्तक्षेप की मांग की कि यदि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व में राजग सरकार बनती है तो वरिष्ठ पार्टी नेताओं को उनका हक और सम्मान मिले.
जोशी ने उत्तर प्रदेश में अपनी वाराणसी लोकसभा सीट बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के लिए काफी नाराजगी के साथ खाली की थी और उन्होंने कानपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा. जोशी के अलावा लालकृष्ण आडवाणी और जसवंत सिंह जैसे ऐसे वरिष्ठ नेताओं को किनारे लगा दिया गया, जिन्होंने बात नहीं मानी.
सिंह राजस्थान के बाडमेर से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. इसके बाद वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में कूद पड़े और इस कार्रवाई के लिए पार्टी ने पिछले माह उन्हें निष्कासित कर दिया. इसी प्रकार आडवाणी से उनकी भोपाल से चुनाव लड़ने की इच्छा के विपरीत अपनी पारंपरिक गुजरात की गांधीनगर सीट से चुनाव लड़ने को कहा गया था. बीजेपी की चुनाव घोषणापत्र समिति के प्रमुख जोशी ने संघ के वरिष्ठ नेताओं और बीजेपी में संगठन के नेता सुरेश सोनी की मौजूदगी में भागवत से चर्चा की.
सूत्रों ने बताया कि जोशी ने चुनाव में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों द्वारा जीती जाने वाली संभावित सीटों समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की. सूत्रों ने बताया कि जोशी ने भागवत को बताया कि यदि पार्टी सत्ता में आती है तो नए नेतृत्व को पार्टी में उनके योगदान के लिए वरिष्ठ नेताओं की स्थिति को बनाए रखना होगा.
जोशी ने संघ प्रमुख से यह भी कहा कि नई सरकार में वरिष्ठ पार्टी नेताओं को जिम्मेदार पद दिए जाएं. यहां संघ के मुख्यालय में नियमित आने जाने वाले जोशी के बारे में समझा जाता है कि उन्होंने बीजेपी द्वारा जीती जाने वाली सीटों को लेकर अपने अनुमान को साझा किया.