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मनरेगा महालूट: खंडवा में अधिकारियों पर FIR

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत गड़बड़ी के मामले में पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है. गुरुवार को पुलिस ने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (आरईएस) के कार्यपालन इंजीनियर, दो अनुविभागीय अधिकारियों और एक उप इंजीनियर पर एफआईआर दर्ज की है.

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महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत गड़बड़ी के मामले में पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है. गुरुवार को पुलिस ने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (आरईएस) के कार्यपालन इंजीनियर, दो अनुविभागीय अधिकारियों और एक उप इंजीनियर पर एफआईआर दर्ज की है.

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यह मामला जिले के धनगांव-टांडा रोड पर कागजों पर ही सड़क बनाकर 8.76 लाख रुपए की हेराफेरी करने के आरोप में दर्ज किया गया है. मामले में धारा 409, 420 एवं 34 लगाई गई हैं.

पुलिस ने यह कार्रवाई मनरेगा के परियोजना अधिकारी द्वारा जांच के बाद दर्ज कराई प्राथमिकी पर की है. उल्लेखनीय है कि धनगांव से टांडा तक 3.48 किलोमीटर लंबे ग्रेवल मार्ग का निर्माण ग्रामीण आरईएस द्वारा कराया जाना था, जिसमें एजेंसी द्वारा क्रियान्वयन कार्य नहीं किया और 8 लाख 76 हजार 628 रुपए का व्यय बता दिया.

इस अनियमितता के चलते तत्कालीन कार्यपालन इंजीनियर ए के चौकसे, तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी एम एच शेख एवं डी के कैथवास तथा उप इंजीनियर इनायत हुसैन खगसी के विरुद्ध केस दर्ज किया गया है. धनगांव थाने में परियोजना अधिकारी के माध्यम से एफआईआर दर्ज कराई गई है.

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धनगांव थाना प्रभारी पी सी कालोथा ने दर्ज प्रकरण की पुष्टि करते हुए कहा कि आरोप सिद्ध होने पर संबंधित लोगों को अधिकतम 10 वर्ष तक की सजा हो सकती है.

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