झारखंड में सरायकेला खरसावां में चोरी के शक में नाराज भीड़ ने 22 वर्षीय युवक को 18 घंटे तक इतना पीटा कि उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. युवक की पहचान तबरेज अंसारी के रूप में हुई है. झारखंड देश का इकलौता राज्य नहीं है जहां भीड़ ही ऑन-स्पॉट फैसला कर देती है. पिछले कुछ सालों में हिंदुस्तान में कई लिंचिस्तान बन गए हैं. इनमें प्रमुख हैं - उत्तर प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, गुजरात और राजस्थान. मॉब लिंचिंग में देश में जितने लोग मारे गए उनमें से 7 फीसदी महिलाएं भी हैं.
देश में 2009 से 2019 तक हेट क्राइम के 287 बड़े मामले हुए हैं. इनमें 98 लोगों की मौत हुई है, जबकि 722 लोग जख्मी हुए हैं. इनमें सबसे ज्यादा 59% मुस्लिम, 14% हिंदू और 15% ईसाई हैं. सबसे ज्यादा 28% हमले गोरक्षा के नाम पर, 13% हमले दो धर्म के लोगों में प्रेम प्रसंग पर, 9% धार्मिक हिंसा और 29% हमले अन्य कारणों से हुए. गोरक्षा के नाम पर ही सबसे ज्यादा मॉब लिंचिंग मामले सामने आए हैं. 2014 से अब तक पूरे देश में 125 मामले सामने आए हैं. इन मामलों में 48 लोगों की मौत हुई. जबकि 252 लोग घायल हुए हैं.
Jharkhand: 22-yr-old Tabrez who was beaten up by locals in Saraikela Kharsawan on suspicion of theft & was later arrested, died at a hospital yesterday. He was admitted to Sadar hospital yesterday morning & later referred to Tata Main Hospital Jamshedpur pic.twitter.com/gozxTaC3wO
— ANI (@ANI) June 24, 2019
हिंदुस्तान में लिंचिंस्तानः जहां हुई सबसे ज्यादा मौतें
उत्तर प्रदेशः 19 घटनाएं, 11 मौतें, 39 घायल
हरियाणाः 15 घटनाएं, 06 मौतें, 36 घायल
झारखंडः 12 घटनाएं, 7 मौतें, 17 घायल
कर्नाटकः 12 घटनाएं, 2 मौतें, 21 घायल
गुजरातः 11 घटनाएं, 1 मौतें, 28 घायल
मॉब लिंचिंग में किस धर्म के कितने लोग मारे गए
मुस्लिमः 56%
अज्ञातः 17%
दलितः 9%
हिंदूः 9%
आदिवासीः 2%
ईसाईः 2%
आखिर होती क्यों है मॉब लिंचिंग?
लोगों के चोरी, गोरक्षा, मान-सम्मान और धर्म के नाम पर भड़काया जाता है. आजकल इसका सबसे बड़ा माध्यम है सोशल मीडिया. भड़की हुई भीड़ बहुत जल्द गुस्सा हो जाती है. यही गुस्साई भीड़ हत्यारी बन जाती है. ऐसी भीड़ यह नहीं देखती कि पीड़ित किस काम से आया है. ये भीड़ तर्कहीन होती है. विवेकहीन होती है. इसीलिए असम में मछली पकड़ने गए दो युवकों को मार दिया जाता है. झारखंड में मॉब लिंचिंग की हर साल खबर आती है. दादरी कांड जहां अचानक भीड़ ने अखलाक के खुशहाल परिवार को शक के बिना पर मार डाला.
(स्रोतः सभी आंकड़े फैक्टचेकर डॉट इन और इंडियास्पेंड से.)