ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुसलमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि भारत में मुसलमानों का हमेशा से शोषण हुआ है. उन्होंने कहा कि मुसलमानों के तुष्टीकरण के सिर्फ नारे लगाए गए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में मॉब लिंचिंग की घटनाओं में 85 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है.
मुसलमानों का तुष्टीकरण नहीं हुआ
आजतक के अहम कार्यक्रम 'सीधी बात' में श्वेता सिंह ने जब ओवैसी से पूछा कि क्या तुष्टीकरण या ध्रुवीकरण की राजनीति करना सही है. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, अगर मुसलमानों का तुष्टीकरण हुआ होता तो हम आज सच्चर कमेटी का रोना नहीं रोते. आज तुष्टीकरण हुआ होता तो हमारी साक्षरता दर कम नहीं हुई होती. उन्होंने कहा कि तुष्टीकरण की स्थिति में मुसलमानों के सिर्फ 4 फीसदी बच्चे तालिम हासिल नहीं करते और निर्दोष युवा जेल में नहीं रहते. ओवैसी ने आगे कहा कि हमारा राजनीतिक शोषण जरूर हुआ है.
ओवैसी ने मॉब लिंचिंग पर कहा कि पिछले 4 सालों में इस तरह की घटनाएं बढ़ी हैं. अगर 2009 की तुलना में देखें तो 85 फीसदी का इजाफा हुआ है. उन्होंने कहा कि इस सरकार में नफरत की दीवारें उठी हैं. मुसलमानों पर शक किया जा रहा है और सरकार में बैठे लोग इन सबकी वकालत करते हैं. अखलाक को मारने वाले को तिरंगे में लपेटा जाता है और मॉब लिंचिंग के आरोपियों का मंत्री स्वागत करते नजर आते है.