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खुफिया अलर्ट के बाद सेना के जवानों को निर्देश, 42 मोबाइल एप्स का न करें यूज

इन मोबाइल एप में वेब चैट, ट्रूकॉलर, यूसी ब्राउजर, यूसी न्यूज जैसे एप शामिल हैं, आशंका जताई जा रही है कि जवानों के मोबाइल में यह एप होने से खुफिया जानकारी लीक हो सकती है और जासूसी के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सकता है. जानकारी के मुताबिक यह एप चीनी डेवलपर्स ने तैयार किए हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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खुफिया एजेंसियों की एलर्ट के बाद गृह मंत्रालय ने भारत-चीन सीमा पर तैनात जवानों को अपने मोबाइल से एप्लीकेशन डिलीट करने के लिए कहा है. जानकारी के मुताबिक ऐसे 42 मोबाइल एप की एक लिस्ट जारी की गई है जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है. इन एप्स को इस्तेमाल न करने के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की गई है.

इन मोबाइल एप में वेब चैट, ट्रूकॉलर, यूसी ब्राउजर, यूसी न्यूज जैसे एप शामिल हैं, आशंका जताई जा रही है कि जवानों के मोबाइल में यह एप होने से खुफिया जानकारी लीक हो सकती है और जासूसी के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सकता है. जानकारी के मुताबिक यह एप चीनी डेवलपर्स ने तैयार किए हैं.

एजवाइजरी के मुताबिक मोबाइल में पहले से ही डाउनलोड एप्लीकेशन का प्रयोग न करने और ऐसे एप को तुरंत अनइंस्टॉल कर मोबाइल से फॉर्मेट करने के लिए कहा गया है. सेना के अलावा लद्दाख से अरुणाचल तक फैली 4 हजार किमी की सीमा पर ITBP जैसे केंद्रीय पुलिस बल के जवान भी तैनात हैं. इन जवनों को पहले में साइबर सुरक्षा से जुड़े निर्दश दिए जाते रहे हैं.

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सेना के अधिकारी ने बताया, 'उम्मीद की जाती है कि जवान ही नहीं अधिकारी भी अपने मोबाइल फोन से जुड़े इस्तेमाल को लेकर सचेत रहें. ऐसी एडवाइजरी मुख्य रूप से चीन में निर्मित फोन, लैपटॉप और कंम्प्यूटर के मामलों में दी जाती हैं'. ताजा एडवाइजरी ऐसे वक्त में आई है जब डोकलाम को लेकर दोनों देशों की सेना 78 दिनों की तनातनी के बीच आमने-सामने रह चुकी हैं. 

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