धरती पर मोबाइल कनेक्शन की संख्या वर्ष 2014 तक व्यक्तियों से अधिक हो जाएगी. यह बात इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशंस यूनियन (आईटीयू) ने कही. संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने कहा कि 2013 में मोबाइल उपभोक्ता सदस्यता दुनिया की जनसंख्या के लगभग बराबर हो गई है, इसमें से आधे से अधिक एशिया-प्रशांत क्षेत्र में हैं.
वर्ष 2014 तक मोबाइल ग्राहकों की संख्या सात अरब से अधिक हो जाएगी. अभी मोबाइल ग्राहक दुनिया की जनसंख्या का 96 फीसदी हो चुकी है. इसमें से 128 फीसदी विकसित देश में और 89 फीसदी विकासशील देशों में है.
इस समय दुनिया की कुल आबादी का 40 फीसदी यानी 2.7 अरब लोग ऑनलाइन हैं. विकासशील देशों में 82.6 करोड़ महिला इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं और 98 करोड़ पुरुष इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं. वहीं विकसित देशों में 47.5 करोड़ महिलाएं और 48.3 करोड़ पुरुष इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं.
विकासशील देशों में पुरुषों से 16 फीसदी कम महिलाएं इंटरनेट का उपयोग करती हैं, जबकि विकसित देशों में पुरुषों से सिर्फ दो फीसदी कम महिलाएं इंटरनेट का उपयोग करती हैं.
2012 में 70 फीसदी लोगों को पोस्ट से अधिक प्रीपेड मोबाइल पसंद था, जबकि विकासशील देशों में यह आंकड़ा 87 फीसदी था. अब 100 देश ऐसे हो चुके हैं, जहां मोबाइल फोन की संख्या देश की जनसंख्या से अधिक है. सात देशों में मोबाइल ग्राहकों की संख्या आबादी से दोगुनी हो चुकी है.