सरकार की छवि और अपने जनाधार को लेकर प्रधानमंत्री मोदी बेहद गंभीर हैं. संघ प्रमुख मोहन मधुकर भागवत से मिलकर उन्होने 'घर वापसी' जैसे विवादित आयोजनों को लेकर बात की. ख़बर तो ये भी है कि मोदी और भागवत के बीच एक समझौता हुआ है. जिसका मकसद संघ और उससे जुड़े संगठनों को जोश में होश खोने से रोकना है. इस मुलाकात से पहले ही मोदी के दखल पर भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का दम भरने वाले राजेश्वर सिंह को हटाया गया था. यानी मोदी अब और बर्दाश्त नहीं करेंगे.
मोदी सरकार की परेशानी आगरा धर्मांतरण कार्यक्रम के बाद ही शुरू हुई. ये कार्यक्रम संघ के इशारे पर किया गया था. इस आयोजन के ठीक बाद संघ के लिए काम करने वाले राजेश्वर सिंह ने विवादित बयान देकर विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा थमा दिया. एक आरे मोदी देशभर में विकास और उन्नति के भाषण दे रहे हैं तो दूसरी तरफ संघ से जुड़े लोग उनके रास्ते में कांटे बो रहे हैं. परेशानी इतनी बढ़ गई कि मोदी को जो काम कुछ समय बाद करना था वो उन्हे अभी शुरू करना पड़ा. वो काम है आक्रमक भाजपा नेताओं और स्वयंसेवियों पर लगाम कसना.
पीएम मोदी को शायद ये बात समझ आने लगी है कि 'घर वापसी' और धर्मांतरण जैसे मामले सरकार की छवि खराब करने के साथ-साथ उनके और जनता के बीच दूरी पैदा कर सकते हैं. वो देश की जनता में सरकार के प्रति विश्वास बनाए रखना चाहते हैं. उनके इसी अभियान का हिस्सा एक अहम योजना भी है, जिसकी ज़िम्मेदारी उन्होने अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को सौंपी है. नक़वी देश के अल्पसंख्यकों के सामने केन्द्र सरकार की छवि को सुधारने का काम करेंगे. वो बताएगें कि पीएम धर्म और जाति से ऊपर उठकर देश का विकास करना चाहते हैं.
केन्द्र में पहली बार बहुमत पाने वाली बीजेपी सरकार आ जाने के बाद से ही संघ के हौंसले बुलंद थे. संघ के जो काम पिछली एनडीए सरकार में नहीं हो पाए उन्हे अंजाम तक पंहुचाने के मकसद से संघ ने कार्य योजना बना कर काम शुरू कर दिया. लेकिन उन्हें इस बात का अंदाज़ा नही था कि ये सारी कवायद कहीं ना कहीं मोदी सरकार के लिए परेशानी खड़ी कर देगी. जब मामला हाथ से निकलने लगा तो मोदी ने संघ प्रमुख से मुलाकात कर अपनी बात रख दी. मोदी किसी भी सूरत में सरकार की छवि पर कोई दाग लगने नहीं देना चाहते हैं. इस मुलाकात के बाद अब माना जा रहा है कि आगे कुछ इस तरह के फैसले और बदलाव किए जा सकते हैं जिनसे सत्ता के गलियारों में ये संदेश जाएगा कि मोदी से बढ़कर कोई नही.