भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की आधार की जानकारी लीक होने बाद आखिरकार मोदी सरकार ने यह मान ही लिया कि आधार से जुड़ी जानकारियां लीक हुई हैं. यह पहली बार है, जब मोदी सरकार ने आधार की जानकारी लीक होने की बात आधिकारिक रूप से स्वीकार की है. सरकार ने माना कि निजी पहचान, आधार नंबर, बैंक खाता और अन्य संवेदनशील जानकारियां लीक हुई हैं. इस घटना ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है.
इससे पहले आधार डाटा की सुरक्षा को लेकर हो रही आलोचना और चेतावनी को सरकार ने नजरअंदाज कर दिया था. साथ ही लोगों से आधार कार्ड बनवाने और इसको सरकारी योजनाओं से जोड़ने को कहा था. इलैक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की अधिकारी अर्चना दुरेजा की ओर से लिखे एक पत्र में इस बात की पुष्टि हुई है. इसमें कहा गया कि आधार की जानकारी ऑनलाइन लीक हुई है.
सरकार के खोखले दावे की पोल खुली
यह घटना सरकार के उस खोखले दावे की पोल खोलती है, जिसमें सरकार दावा करती आ रही है कि आधार डाटा पूरी तरह सुरक्षित हैं. सरकार इसके लिए कड़े सुरक्षा
मापदंड अपना रखी है. इलैक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में वैज्ञानिक अर्चना दुरेजा ने बताया कि विभिन्न मंत्रालय की ओर से आधार नंबर, बैंक खाता की जानकारी, निवास
समेत अन्य संवेदनशील जानकारियां ऑनलाइन लीक हो गई हैं, जिनको आसानी खोजा जा सकता है.
आधार की सुरक्षा को लेकर विपक्ष भी उठा चुका है सवाल
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान धोनी की आधार से जुड़ी जानकारी लीक होने का मामला सामने आने के बाद सड़क से लेकर संसद तक हंगामा हुआ. इसके बाद सरकार ने
संबंधित कंपनी को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया. इस मसले पर राज्यसभा में कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने सरकार को घेरते हुए कहा कि आपके पास क्या गारंटी है
कि आपके पास हैकिंग को रोकने के लिए तकनीक है? धोनी की पत्नी ने शिकायत की कि उनका आधार नंबर सार्वजनिक किया गया. इस पर जेटली ने कहा कि यह एक अपरिपक्व
व्यवहार का मामला था और कंपनी को 10 साल तक ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है.
निजी जानकारी लीक करना दंडनीय अपराध
अर्चना दुरेजा का कहना है कि आधार डाटा लीक का मामला बेहद गंभीर है. आधार एक्ट 2016 के अनुसार इस तरह की जानकारी लीक करने पर तीन साल तक की सजा का प्रावधान
है. मामले के दोषी को क्षतिपूर्ति के भुगतान का उत्तरदायी भी ठहराया जा सकता है. ऐसे में आधार की जानकारी लीक करने वाली कंपनी या पक्ष को पीड़ित पक्ष (जिनकी जानकारी
लीक हुई) को मुआवजा देना होगा.