मोदी सरकार ने लाल बत्ती के कल्चर पर सबसे करारी चोट मारी है. अब एक मई से पूरे देश में लालबत्ती इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है. केंद्रीय कैबिनेट में लाल बत्ती का कल्चर खत्म करने का फैसला किया गया. फैसले के बाद से केंद्रीय मंत्रियों ने तुरंत लाल बत्ती हटाना शुरू कर दिया. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इस फैसले पर ट्वीट किया कि हर भारतीय खास और VVIP हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्विटर पर अपने एक प्रशंसक के ट्वीट का जवाब दे रहे थे. इसी में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'ऐसे प्रतीक नए भारत की भावना से कटे हुए हैं.'Every Indian is special. Every Indian is a VIP. https://t.co/epXuRdaSmY
— Narendra Modi (@narendramodi) April 19, 2017
ऐसे ही एक अन्य ट्वीट के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा, 'यह काफी पहले खत्म हो जाना चाहिए था. खुशी है कि आज एक ठोस शुरुआत हुई है.' उन्होंने कहा, 'हर भारतीय खास है. हर भारतीय वीआईपी है.'Thank you. These symbols are out of touch with the spirit of new India. https://t.co/xCMaSn48mc
— Narendra Modi (@narendramodi) April 19, 2017
It should have gone long ago. Glad that today a strong beginning has been made. https://t.co/25BxLdlDpp
— Narendra Modi (@narendramodi) April 19, 2017
नियम तोड़ने पर होगी कार्रवाई
ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी का कहना है कि जगह-जगह पर मंत्री लाल बत्ती लेकर ट्रैफिक से निकल जाते थे. इस बात को लेकर लोगों में गुस्सा था और जो यह VIP कल्चर था और रेडलाइट से जुड़ा हुआ था. जो भी इसका पालन नहीं करेगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी. यह बहुत अच्छा निर्णय है. इस निर्णय से जनता में नेताओं की छवि सुधरेगी. राजनेताओं की सभी नेताओं को सब लोगों को एक जैसा दिखना चाहिए. सबको लाइन में लगना चाहिए. विदेशों में कई मंत्री खुद गाड़ी चलाकर जाते हैं. VIP कल्चर खत्म करने में ऐसे निर्णय की बहुत बड़ी आवश्यकता थी.
नियमों में होगा बदलाव
अब सिर्फ एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस जैसी इमरजेंसी सेवाओं में लगी गाडियां ही नीली बत्ती का इस्तेमाल कर सकेंगी. ये फैसला खुद प्रधानमंत्री मोदी ने लिया और इसके बारे में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में जानकारी दी. इस फैसले को लागू करने के लिए सेन्ट्रल मोटर वेहिकल रूल 1989 में बदलाव किया जाएगा. इसी नियम के तहत केंद्र सरकार और राज्य सरकारें वीआईपी को गाडियों के ऊपर लाल और नीली बत्ती लगाने की अनुमति देती हैं. इस नियम का रूल का 108 (1) (3) कहता है कि (iii) a vehicle carrying high dignitaries as specified by the Central Government or the State Government, as the case may be, from time to time; यानि केंद्र सरकार और राज्य सरकारें ये तय करेंगी कि किन गाडियों के ऊपर लाल और नीली बत्ती लग सकती हैं.
पीएम मोदी का है फैसला
मोदी ने अपने फैसले में इस मोटर वेहिकल रूल ये इन लाइनों को ही खत्म कर दिया यानि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के उस पावर को ही खत्म कर दिया गया है, जिसके तहत वीआईपी को लाल बत्ती लगाने की अनुमति दी जाती थी. कहने का मतलब ये कि देश में लाल बत्ती कल्चर की बत्ती 1 मई से बुझ जाएगी. गौरतलब है कि जिस दिन 1 मई से इस फैसलों को लागू किया जाएगा, वो दिन मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है. कैबिनेट के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बताया कि लाल बत्ती खत्म करने का फैसला खुद प्रधानमंत्री मोदी का था और इसके लिए किसी को कोई ढील नहीं दी जाएगी.
केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा और गिरिराज सिंह ने इस फैसले का स्वागत करते हुए लाल बत्ती खुशी-खुशी हटाई.
Removed Red Beacon from my car pic.twitter.com/Zfv3MHemlB
— Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) April 19, 2017
वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि बहुत समय से VIP कल्चर खत्म करने को लेकर बार-बार बातें होती रही हैं और खास तौर से जब से मोदी सरकार आई है तब से लाल बत्ती हटाने को लेकर के बातचीत हुई चर्चा हुई. लेकिन आखिरकार केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लालबत्ती हटाने का फैसला किया है. अब इमरजेंसी सर्विसेज को छोड़कर कोई भी नेता, कोई भी VIP लाल बत्ती नहीं लगा पाएगा.
ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ने 'आज तक' से खास बातचीत करते हुए कहा कि यह मोदी सरकार का एक ऐतिहासिक फैसला है. एक बड़ा फैसला है कि अब कोई भी लाल बत्ती नहीं लगाएगा और सब लोग आम आदमी की तरह रहेंगे. कॉमन मैन की तरह रहेंगे. कोई भी VIP नहीं होगा. यह फैसला 1 मई से लागू होगा. जो भी इसका उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. हमारे लोकतंत्र में हमको आदर्श परंपराओं को पालन करना चाहिए और यह फैसला दिखाता है कि हम जनता के सेवक हैं.