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लोकसभा में एक घंटे में मोदी सरकार ने पेश किए 8 विधेयक, NIA बिल पर उठे सवाल

केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन की ओर से पेश किए गए डीएनए टेक्नोलॉजी से जुड़े बिल का विरोध करते हुए कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इस बिल के जरिए सरकार लोगों के बुनियादी अधिकारों का हनन कर रही है.

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संसद भवन
संसद भवन

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भारी बहुमत के साथ फिर से सत्ता में आई मोदी सरकार की राह संसद में और आसान हो गई है. बीजेपी के पास 303 सांसद हैं और वहीं एनडीए के सांसदों को जोड़कर यह आंकड़ा 350 के पार चला जाता है. यही वजह है कि चालू बजट सत्र में सरकार एक-एक कर नए विधेयकों को संसद की मंजूरी दिलवाने में सफल रही है. सोमवार को लोकसभा में सरकार की ओर से एक घंटे के भीतर 8 विधेयक पेश कर दिए गए.

लोकसभा में प्रश्न काल खत्म होने के बाद स्पीकर ओम बिड़ला ने सरकार को उन विधेयकों को पेश करने की इजाजत दी जो विधायी कार्य के लिए सूचीबद्ध थे. इन विधेयकों में डीएनए प्रौद्योगिकी (उपयोग और अनुप्रयोग) विनियमन विधेयक 2019, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन विधेयक 2019, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (संशोधन) विधेयक 2019 शामिल हैं. एनआईए से जुड़ा विधेयक गृह मंत्री अमित शाह की ओर से गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने पेश किया, हालांकि अमित शाह भी सदन में मौजूद रहे.

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इसके अलावा मानव अधिकारों का संरक्षण (संशोधन), उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2019, दि पब्लिक प्रीमीज (अनाधिकृत व्यवसायों का प्रमाण) संशोधन विधेयक 2019, जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक 2019 और केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2019 को भी लोकसभा में पेश किया गया. इनमें से कुछ विधेयकों पर विपक्षी सांसदों ने अपनी आपत्ति भी दर्ज कराई.

कांग्रेस ने किया विरोध

एनआईए बिल को पेश करने के दौरान लोकसभा में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि इससे न्यायपालिका पर बोझ बढ़ेगा, जहां पहले से ही केस लंबित हैं. उन्होंने कहा कि इस बिल में एनआईए की बुनियादी दिक्कतों को दूर करने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है और जांच एजेंसी को राजनीतिक दखल से दूर करने की भी जरूरत है. गृह राज्य मंत्री किशन रेड्डी ने इसके जवाब में कहा कि सरकार का मकसद एनआईए एक्ट को मजबूत करना है और इस पर जब चर्चा होगी तो सरकार विपक्ष के सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है.

केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन की ओर से पेश किए गए डीएनए टेक्नोलॉजी से जुड़े बिल का विरोध करते हुए कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इस बिल के जरिए सरकार लोगों के बुनियादी अधिकारों का हनन कर रही है. कांग्रेस के ही शशि थरूर ने बिल के विरोध में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने निजता के अधिकार से जुड़े एक फैसले में डाटा सुरक्षा का कानून लाने के लिए कहा है और डीएनए भी एक तरह का डाटा है जिसकी सुरक्षा काफी अहम है.

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