पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके को अब पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के नाम से जाना जाएगा. केंद्र की मोदी सरकार के इस फैसले पर गृह मंत्रालय प्रस्ताव तैयार कर रहा है.
बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने सत्ता में आने के बाद हफ्ते भर के भीतर यह फैसला किया. ऐसा लगता है कि जम्मू कश्मीर से जुड़े मसले नरेंद्र मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार हैं. 26 मई को शपथ लेने के बाद पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने की बात की थी. हालांकि, केंद्रीय मंत्री के बयान पर खासा सियासी बवाल मचा.
इसके अलावा, केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर से विस्थापित कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास पर भी तेजी से काम कर रही है. इस प्रोजेक्ट के तहत न सिर्फ कश्मीरी पंडितों, बल्कि बंटवारे के बाद पाकिस्तान और पीओके से आने वाले शरणार्थियों के पुनर्वास का काम होगा.
गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनावी रैलियों में कश्मीरी पंडितों के मसले को उठाया और अपने ही देश में 'बेघर' हुए इन लोगों के पुनर्वास का वादा किया था.