देशभर में उभरे जल संकट का सामना करने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अब कमर कस ली है. मोदी सरकार ने जल संरक्षण को लेकर सोमवार को ‘जल शक्ति अभियान’ की शुरुआत की. जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसकी शुरुआत की. इस इसका मकसद पूरे देश में पानी को लेकर जानकारी फैलाना और जल संरक्षण को बढ़ावा देना है. रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मन की बात कार्यक्रम में इसको एक अभियान बनाने का आह्वान किया था.
केंद्र सरकार के जल शक्ति अभियान के तहत देश के 254 जिलों को टारगेट किया जाएगा. इसके लिए इन जिलों में अधिकारियों को भेज दिया गया है. इन जिलों के 1539 ब्लॉक में अधिकारी मौजूद रहेंगे और यहां ग्राउंड वाटर का लेवल मापेंगे. इसी के बाद यहां पर जल संरक्षण को मिशन तौर पर लागू किया जाएगा.
केंद्र की ओर से इन जिलों में रेन हार्वेस्टिंग, वाटर कन्वर्सेशन और वाटर मैनेजमेंट जैसी चीज़ों को बढ़ावा दिया जाएगा. सरकार की ओर से बारिश के पानी को किस तरह बचाया जाए, उसका इस्तेमाल कैसे किया जाए. इनको लेकर नीतियां लागू की जाएंगी, साथ ही साथ लोगों को इस बारे में जानकारी भी दी जाएगी.
जन जन जुड़ेगा, जल बचेगा : पीएम @narendramodi जी#JalShakti #WaterCrisis @mowrrdgr @gssjodhpur pic.twitter.com/XOybr26660
— Save Water (Naula Foundation) (@savewaternaula1) June 30, 2019
गौरतलब है कि बीते कुछ साल में देश के कई हिस्सों में पानी का ग्राउंड लेवल काफी नीचे गया है, जिसने हर किसी की चिंता को बढ़ाया है. मौजूदा समय में चेन्नई इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है, जहां पर जलाशय, झीलें सूख गई हैं और ग्राउंड लेवल पानी भी काफी कम है. यही कारण है कि वहां पर पीने के पानी का संकट देखने को मिल रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मन की बात कार्यक्रम में जल संरक्षण को लेकर अपील की थी. पीएम का कहना था कि जिस तरह देशवासियों ने स्वच्छता अभियान को एक आंदोलन बनाया, उसी तरह अब पानी की समस्या को भी एक आंदोलन के तौर पर देखना होगा.
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