केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार राष्ट्रवाद के मसले पर कोई समझौता नहीं करेगी. बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे और अंतिम दिन नई दिल्ली में जेटली ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में देश ने तरक्की की है.
देश विरोध की इजाजत नहीं देता संविधान
जेटली ने कहा कि अभिव्यक्ति की सुरक्षा और राष्ट्रवाद की विचारधारा दोनों एक साथ अस्तित्व में रहती है. केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू की ओर से पेश राजनीतिक प्रस्ताव में भी कहा गया है कि राष्ट्रवाद की विचारधारा ही बीजेपी की दिशा तय करती है. जेटली ने कहा कि संविधान हमें देश के विरोध की आजादी नहीं देता. वह हमें असहमति जताने का अधिकार देता है.
Constitution of India allows complete freedom to dissent but does not permit destruction of the nation: Arun Jaitley pic.twitter.com/P0KWA5BzDy
— ANI (@ANI_news) March 20, 2016
सबका साथ सबका विकास के वादे पर कायम
जेटली ने अपने संबोधन में मोदी सरकार की उपलब्धियों की खुलकर चर्चा की. उन्होंने कहा कि सरकार सबका साथ सबका विकास के अपने वादे पर कायम है और इस दिशा में काम कर रही है. राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला हो देश के वंचित तबकों के विकास के लिए जरूरी व्यवस्था करना सरकार ने सकारात्मक कदम उठाए हैं. पठानकोट हमले का मामला हो, बांग्लादेश सीमा विवाद सुलझाया जाना या नागालैंड समझौता हमने मजबूत पहल की है.
प्रतिबद्ध नेतृत्व और राष्ट्रवादी नीतियों की सरकार
जेटली ने कहा कि मोदी सरकार प्रतिबद्ध नेतृत्व के साथ राष्ट्रवादी नीतियों की प्रगतिशील सरकार है. बाबसाहेब भीमराव अंबेडकर के लंदन, मुंबई और दिल्ली में अनुसंधान केंद्र बनाकर उनकी विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश हो या दलित उद्यमियों के लिए आर्थिक मदद की पेशकश सरकार हमेशा आगे बढ़कर काम कर रही है. जेटली ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के निधन पर छाए रहस्यों से पर्दा हटाने की भी सरकार पूरी कोशिश कर रही है.
आगामी चुनाव से बीजेपी को बड़ी उम्मीद
जम्मू कश्मीर में सरकार के मसले पर जेटली ने कहा कि गठबंधन की सरकार न्यूनतम साझा एजेंडे पर चल रही थी. फिर से सरकार बनी तो एसे ही आगे बढ़ाया जाएगा. पांच राज्यों में होने वाले चुनाव पर उन्होंने कहा कि भी राज्यों में हमारा जनाधार बढ़ा है. असम में हमने गठबंधन किया है और सरकार बनाने की उम्मीद है. उत्तराखंड मसले को राज्यपाल के यहां होने की बात कहते हुए उन्होंने जवाब नहीं दिया.
हर तिमाही में होती है ब्याज दर की समीक्षा
लघु बचत योजनाओं से ब्याज दर घटाने के सवाल पर जेटली ने कहा कि यह पुराना फॉर्मूला है कि बाजार ब्याज दर से चले और सरकार उस पर छोटी सब्सिडी दे. अब हम हर तिमाही में समीक्षा कर ब्याज दर बदल रहे हैं. टैक्स फ्री 8.1 फीसदी ब्याज दर दूसरे मायनों में 12 फीसदी ब्याज दर के मुकाबले होता है. उन्होंने ज्वैलर्स एसोसिएशन को भी बताया कि एक्साइज ड्यूटी से कोई नुकसान नहीं होगा.