प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रचंड बहुमत मिल चुका है. अब वह न्यू इंडिया के अपने सपने को साकार करना चाहते हैं जिसमें जाति या धर्म के नाम पर किसी से भेदभाव ना हो. इसीलिए उन्होंने कहा भी था कि अल्पसंख्यकों को भरमाने वाले छल में छेद करना है, लेकिन उनके ही मंत्री और सांसद नफरती बयान देकर उनके इस सपने को साकार होने में अड़ंगा डाल रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए मिशन में एक ये भी है कि हिंदुस्तान नफरत के जंगल से बाहर निकले और धर्म के नाम पर भेद मिटाना है. इस कड़ी में एक नई राजनीतिक भावना पेश करते हुए प्रधानमंत्री ने ईद के मौके पर उर्दू में शुभकामनाएं भी भेजी, लेकिन प्रधानमंत्री के मिशन में उनके लोग ही अड़चन बनकर खड़े हो जाते हैं.
उदाहरण के तौर पर बीजेपी के सांसद भोला सिंह कहते हैं कि किसी भी धर्म के त्योहार के कारण किसी को असुविधा हो तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. लेकिन भोला सिंह की बातों को भोलेपन में मत लीजिए. उनकी बात खत्म नहीं हुई कि इसे दूर तक ले गए तेलंगाना में बीजेपी विधायक टी राजा सिंह.
बीजेपी विधायक टी राजा सिंह एक तस्वीर पर कहा कि यह तेलंगाना पुलिस अफसर जालीदार टोपी पहनकर ईद की बधाई दे रहा है. इन्होंने पुलिस की टोपी उतार दी है और पुलिस स्टेशन के अंदर जालीदार टोपी पहनकर बैठें हैं. ये दीवाली और दशहरा के दौरान हिंदुओं को गिरफ्तार करते हैं.
न्यू इंडिया के रास्ते में मजहब की दीवार खड़ी ना हो, इसके लिए प्रधानमंत्री की कोशिशों पर एक पत्थर तो उनके मंत्री गिरिराज सिंह ने भी फेंक दिया. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में जीतनराम मांझी की इफ्तार पार्टी में पहुंचे तो गिरिराज ने ट्वीट किया कि नवरात्रि में फलाहार भी करवाते तो अच्छा रहता. केंद्रीय मंत्रिमंडल में मायूस नीतीश कुमार को हमला बोलने का मौका मिल गया.
कितनी खूबसूरत तस्वीर होती जब इतनी ही चाहत से नवरात्रि पे फलाहार का आयोजन करते और सुंदर सुदंर फ़ोटो आते??...अपने कर्म धर्म मे हम पिछड़ क्यों जाते और दिखावा में आगे रहते है??? pic.twitter.com/dy7s1UgBgy
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) June 4, 2019
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जो दूसरे धर्म की इज्जत करना नहीं जानते वो धार्मिक नहीं, कुछ लोग सुर्खियों में बने रहने के लिए बेतुका बयान देते हैं. खबर तो यहां तक आई कि गृह मंत्री अमित शाह ने गिरिराज को फोन पर हड़काया कि जरा जुबान पर काबू रखें.
बात ईद से शुरू हुई तो ये भी जान लीजिए कि ईद के प्रेम और भाईचारे के त्योहार पर दारुल उरुम देवबंद से फतवा आया कि कि ईद पर एक-दूसरे को लगे लगाना इस्लाम की नजर में ठीक नहीं है.
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी के लिए आर्थिक और वैदेशिक मुद्दों पर जूझना जितनी बड़ी चुनौती नहीं है उससे कहीं बड़ी चुनौती जाति और धर्म के नाम पर खड़ी होती नफरत की दीवार को गिराना है.सरकार इस मिशन पर लग चुकी है.