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मोदी सरकार 2.0: एक साल में हासिल कीं ये पांच बड़ी उपलब्धियां

कोरोना काल में तमाम कड़े निर्णय लेने और उसके प्रभावी तरीके से लागू करवाने में सफलता हासिल करने की वजह से मोदी सरकार की विश्व भर में काफी प्रशंसा हुई. विश्व के तमाम नेता मोदी सरकार के साथ-साथ पीएम मोदी की भी तारीफ कर चुके हैं. लोगों का मानना है कि कोरोना संकट से निपटने में मोदी सरकार काफी हद तक सफल रही.

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देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (फाइल फोटो: PTI)
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (फाइल फोटो: PTI)

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  • मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल होने जा रहा है पूरा
  • मोदी सरकार 2.0 के पहले साल उनके हिस्से आईं कई उपलब्धियां

30 मई को मोदी सरकार 2.0 अपना एक साल पूरा करने जा रही है. मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले साल में कई उपलब्धियां हासिल की हैं. इन उपलब्धियों में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा और तीन तलाक को खत्म करने जैसे कड़े कदम उठाने के अलावा नागरिकता संशोधन कानून और बैंकों के विलय से जुड़े फैसले भी शामिल हैं.

इन सभी उपलब्धियों के इतर कोरोना काल में तमाम कड़े निर्णय लेने और उन्हें प्रभावी तरीके से लागू करवाने में सफलता हासिल करने की वजह से मोदी सरकार की विश्व भर में काफी प्रशंसा हुई. विश्व के तमाम नेता मोदी सरकार के साथ-साथ पीएम मोदी की भी तारीफ कर चुके हैं. लोगों का मानना है कि कोरोना संकट से निपटने में मोदी सरकार काफी हद तक सफल रही.

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जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा किया समाप्त

मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में सबसे अहम फैसला जम्मू-कश्मीर राज्य को लेकर लिया. मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटा दिया और इसके साथ राज्य को दो हिस्सों में बांट भी दिया. अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश हैं. मोदी सरकार के इस फैसले के बाद कश्मीर में भी एक देश, एक विधान और एक निशान की व्यवस्था लागू हो गई है. मोदी सरकार के इस फैसले को विश्व पटल पर भी स्थान मिला.

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तमाम विरोध के बावजूद भी लाए नागरिकता संशोधन कानून

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में नागरिकता संशोधन कानून ऐसा दूसरा बड़ा फैसला रहा, जिसकी विश्व स्तरीय कवरेज हुई. इसकी वजह रही इसका हो रहा लगातार विरोध. लेकिन तमाम विरोधों को दरकिनार करते हुए इसे पूरे देश में लागू कर दिया गया. इस कानून से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और अन्य देशों में रह रहे हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी और यहूदियों को भारतीय नागरिकता मिल सकती है. हालांकि तमाम विरोधों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री तक ने यह बात स्पष्ट जरूर की कि इस कानून के जरिए किसी की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी बल्कि इसे तो नागरिकता देने के लिए लाया गया है.

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मुस्लिम महिलाओं को दिलाया तीन तलाक से छुटकारा

मोदी सरकार ने दूसरी बार सत्ता में आते ही अपने वादे के मुताबिक सबसे पहले मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से निजात दिलाने का कदम उठाया था. मोदी सरकार ने तीन तलाक पर पाबंदी के लिए 'मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019' को लोकसभा और राज्यसभा से पारित कराया. जिसके बाद एक अगस्त 2019 से तीन तलाक देना कानूनी तौर पर जुर्म बन गया. अब एक समय में तीन तलाक देने पर पति को तीन साल तक कैद और जुर्माना दोनों हो सकता है. इसके अलावा मजिस्ट्रेट कोर्ट से ही उसे जमानत मिलेगी.

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किया कई बैंकों का विलय

मोदी सरकार ने देश में आर्थिक सुधार की दिशा में दस सरकारी बैंकों के विलय करके चार बड़े बैंक बनाने का अहम कदम भी उठाया. जिसके तहत ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया गया. सिंडिकेट बैंक को केनरा बैंक और इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक में मिलाया गया. आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से जोड़ने का ऐलान किया गया. इस विलय से बैंकों को बढ़ते एनपीए से काफी राहत मिली. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने बैंकों के लिए 55,250 करोड़ के बेलआउट पैकेज की घोषणा भी की थी.

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कोरोना के प्रसार से निपटने में काफी हद तक रहे सफल

कोरोना वायरस को देश में फैलने से रोकने के लिए मोदी सरकार ने कई फैसले लिए. इसके साथ ही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और लोगों की मदद के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा भी की. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े दावा करते हैं कि कठिन परिस्थितियां होने के बावजूद भी मोदी सरकार देश में कोरोना के कहर को रोकने में काफी हद तक सफल रही.

भारत में कोरोना वायरस के मामले दुनिया में सबसे कम हैं. प्रति लाख जनसंख्या का वैश्विक औसत जहां 62 है वहीं भारत में यह औसत 7.9 है. यही नहीं भारत में कोरोना की वजह से होने वाली मृत्यु दर भी वैश्विक औसत 4.2 के मुकाबले 0.2 प्रति लाख व्यक्ति है. कोविड- 19 की रिकवरी दर भी सुधर कर अब 41 फीसदी तक हो चुकी है.

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