मोदी सरकार तो आई पर आरएसएस के पूर्व अधिकारी संजय जोशी के अच्छे दिन नहीं आए. लगता तो ऐसा ही है क्योंकि संजय जोशी को अपना नॉर्थ एवेन्यू वाला बंगला खाली करने का नोटिस मिला है.
दरअसल जोशी गुजरात से बीजेपी के एक पूर्व सांसद को आवंटित बंगले में रह रहे थे, पर इस बार लोकसभा चुनाव में पूर्व सांसद को पार्टी का टिकट नहीं मिला.
नरेंद्र मोदी और संजय जोशी के कड़वे रिश्ते की सच्चाई किसी से नहीं छिपी. कभी बीजेपी में भविष्य का नेता बताए जाने वाले संजय जोशी को विवाद के कारण पार्टी से इस्तीफा देना पड़ा. खबरें आईं कि मोदी को जोशी पसंद नहीं थे. जब नितिन गडकरी बीजेपी के अध्यक्ष बने तो संजय जोशी की एक बार फिर पार्टी में वापसी हुई. उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया. पर यह मोदी को नागवार गुजरा.
2012 में मुंबई में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई. मोदी ने सार्वजनिक तौर पर नाराजगी तो जाहिर नहीं की पर बैठक में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया. मोदी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में संजय जोशी की मौजूदगी से नाराज थे.
आखिर में पार्टी को मोदी के आगे झुकना पड़ा. दबाव में संजय जोशी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा दिया तो मोदी मुंबई भी पहुंचे.