श्रम संसाधन मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि ग्रेच्युटी भुगतान कानून, 1972 के दायरे में नहीं आने वाले कर्मचारियों के लिए कर मुक्त ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है. एक बयान में श्रम मंत्रालय ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने आयकर कानून, 1961 की धारा 10 (10) (तीन) के तहत ग्रेच्युटी के लिये आयकर छूट सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी है.
श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने बयान में कहा कि इस कदम से सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के उन कर्मचारियों तथा अन्य को लाभ होगा जो ग्रेच्युटी कानून, 1972 के दायरे में नहीं आते. उन्होंने इसके लिये वित्त मंत्री अरूण जेटली को धन्यवाद भी दिया. सरकारी तथा संगठित क्षेत्र में काम करने वाले तथा ग्रेच्युटी कानून के दायरे में आने वाले कर्मचारियों के लिये पहले ही करमुक्त ग्रेच्युटी सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपये की जा चुकी है.
Income Tax Exemption for Gratuity under Section 10(10)(iii) of the Income Tax Act has been enhanced to Rs. 20 lakh. Would benefit all PSU employees and other employees not covered by Payment of Gratuity Act.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) March 5, 2019
किन कर्मचारियों को होगा लाभ
ग्रेच्युटी कानून उन सभी कर्मचारियों पर लागू होता है जो ऐसे संगठन में काम करते हैं जहां एक वर्ष में 10 या इससे ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी पर रखा जाता है. टैक्स छूट की लिमिट बढ़ाने से पहले सभी कर्मचारियों के लिए टैक्स छूट की सीमा दोगुनी करने के लिए कानून में संशोधन किया गया था. श्रम मंत्रालय ने बताया था कि यह 29 मार्च 2018 से लागू किया जाएगा. बता दें, सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी होने के 11 महीने बाद ग्रेच्युटी पर टैक्स छूट का ऐलान किया है. इससे उन लोगों के लिए कागजी कार्रवाई का बोझ बढ़ेगा जो 31 मार्च 2018 तक रिटायर हो चुके थे.
कब मिलती है ग्रेच्युटी?
• ग्रेच्युटी पाने के लिए इम्प्लॉई को किसी संस्थान में लगातार 5 साल नौकरी करना जरूरी है.
• इसके बाद नौकरी छोड़ने या रिटायर होने, मृत्यु होने या बीमारी अथवा एक्सिडेंट में अक्षम होने पर ग्रेच्युटी का पैसा भी मिलता है.
• हालांकि मृत्यु या अक्षम हो जाने पर ग्रेच्युटी अमाउंंट दिए जाने के लिए नौकरी के 5 साल पूरे होना जरूरी नहीं है.
• मृत्यु के मामले में ग्रेच्युटी अमाउंट उसके नॉमिनी को मिलेगा, नॉमिनी न होने पर राशि उसके उत्तारधिकारी को दी जाएगी.
कितने दिन में मिल जाती है?
• इंप्लॉयर के लिए इंप्लॉई के नौकरी छोड़ने, रिटायर होने, मृत्यु या उसके अक्षम होने पर 30 दिन के अंदर ग्रेच्युटी दिए जाने का प्रावधान है.
• अगर तय अवधि के अंदर ऐसा नहीं होता है तो बाद में इंप्लॉयर को सरकार द्वारा तय ब्याज के साथ ग्रेच्युटी अमाउंट का भुगतान करना होगा.