केंद्र सरकार योग गुरु बाबा रामदेव को एक और फूड पार्क देने पर विचार कर रही है. हालांकि, अभी तक एक व्यक्ति को एक ही फूड पार्क अलॉट करने की व्यवस्था है, लेकिन सरकार रामदेव द्वारा संचालित मेगा फूड पार्क के काम से बेहद खुश है. लिहाजा उन्हें यूपी में यमुना एक्सप्रेस वे पर नया फूड पार्क अलॉट किया जा सकता है.
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल कहती हैं, 'यूं तो एक जने को हम एक ही फूड पार्क मंजूर करते हैं. शुरुआत से लेकर अगले दो-तीन साल तक हम उसे चलाने के तौर तरीकों को मॉनीटर भी करते हैं. लेकिन बाबा रामदेव देशभर में हमारे एक फूड पार्क को बहुत अच्छे ढंग से चला रहे हैं. ऐसे में अगर वो एक और फूड पार्क के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर जुटाकर सरकार से अपील करते हैं तो हमें उनको मंजूरी देने में खुशी होगी.'
इस साल पांच नए फूड पार्क की योजना
गौरतलब है कि मंत्रालय ने इस साल पांच नए मेगा फूड पार्क खोलने की योजना बना रखी है. इस तहर देश में कुल मेगा फूड पार्कों की तादाद 13 हो जाएगी. इनमें कुल छह हजार करोड़ रुपये के खाद्य पदार्थों को प्रोसेस किया जा सकेगा. इनमें अनाज के अलावा फल और सब्जियां भी होंगी. आंकड़ों के हवाले से देशभर में कुल फल सब्जी और अन्न उत्पादन का 10 फीसदी से ज्यादा बर्बाद हो जाता है. बर्बाद खाद्य की कीमत एक लाख करोड़ रुपये के आसपास बैठती है.
देश में अभी हैं आठ फूड पार्क
फिलहाल देश में आठ मेगा फूड पार्कों में 3000 करोड़ रुपये मूल्य के खाद्य पदार्थ ही प्रोसेस हो पाते हैं. ऐसे में बर्बाद होने वाले खाद्य पदार्थों में से दस फीसदी की कमी तो हो पाई है. आंकड़े तो ये भी बताते हैं कि हर मेगा फूड पार्क में पांच से छह हजार अनस्किल्ड लोगों को रोजगार मिल जाता है. इनमें महिलाओं की तादाद काफी ज्यादा है. ये लोग अनाज-दाल, फल सब्जियों की छंटाई, धुलाई, सफाई, पैकिंग वगैरह का काम कुशलता से कर लेते हैं.
बहरहाल, बाबा रामदेव यमुना एक्सप्रेस-वे से सटे इलाके में सात सौ एकड़ जमीन यूपी सरकार से लेने को इच्छुक हैं. चार सौ एकड़ जमीन तो सरकारी अमला उनको दिखा चुका है. जल्दी ही डील फाइनल हो जाएगी. इसके बाद वह सरकार से फूड पार्क को लेकर आवेदन कर सकते हैं.