मोदी सरकार संसद के मानसून सत्र में जीएसटी बिल को पेश करेगी. हालिया राज्यसभा चुनाव में संख्या बढ़ने के बाद बढ़ी उम्मीदों के साथ केंद्र सरकार इसे संसद में लेकर आएगी. एक केंद्रीय मंत्री ने इस बात की पुष्टि की है. उन्होंने कहा है कि हम इस बार जीएसटी बिल को लेकर आक्रामक रुख अपनाएंगे.
गैर कांग्रेसी सांसदों का भी मिलेगा साथ
गैर कांग्रेसी सरकार वाले राज्यों के सांसदों से भी इस मुद्दे पर राज्यसभा में साथ मिलने की उम्मीद है. राज्यसभा में बीजेपी के नंबर बढ़े हैं. वहीं जीतकर आए तीन स्वतंत्र और गैर कांग्रेसी उम्मीदवार भी बीजेपी के साथ खड़े होने वाले हैं. हरियाणा में कांग्रेस के 14 वोट रद्द होने का लाभ भी ऐसे उम्मीदवार को मिला है.
बिल के लिए हर संसदीय रास्तों की तलाश
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अपनी सरकार के डेढ़ साल के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बिल के लिए लगातार कांग्रेस की मदद पाने की कोशिश करते रहे. इसके बावजूद संसद में इस बिल के लिए विपक्ष और खास तौर पर कांग्रेस रोड़े अटकाती रही. जीएसटी बिल के लिए हम सभी संभव संसदीय रास्ते की तलाश कर रहे हैं.
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बिल लाने के बाद एक्सपोज होगी कांग्रेस
उन्होंने कहा कि यह वक्त कांग्रेस को जवाब देने का है. जीएसटी के मामले में हम कांग्रेस को एक्सपोज करेंगे. वे या तो व्हिप जारी कर बिल के खिलाफ वोट करने कहेंगे या फिर प्रदर्शन कर काम रोकने की कोशिश करेंगे.
जीएसटी पर जयललिता ने भी रुख बदला
सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तमिलनाडु की सीएम जे जयललिता लगातार जीएसटी बिल के खिलाफ रही, लेकिन सरकार की कोशिशों के बाद अब वह इस मामले में सकारात्मक रुख अख्तियार करने के संकेत दिए हैं.