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महंगाई पर मोदी सरकार की मोर्चाबंदी, 22 चीजों की कीमतों पर पैनी नजर

बढ़ती महंगाई ने नई नवेली मोदी सरकार के लिए मुश्किल पैदा कर दी है. कीमतों में बढ़ोतरी पर काबू पाने के लिए सरकार ने मोर्चाबंदी शुरू कर दी है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ऐलान किया है कि 22 चीजों पर कीमतों पर सरकार की पैनी नजर है और जमाखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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FINANCE MINISTER Arun Jaitly
FINANCE MINISTER Arun Jaitly

बढ़ती महंगाई ने नई नवेली मोदी सरकार के लिए मुश्किल पैदा कर दी है. कीमतों में बढ़ोतरी पर काबू पाने के लिए सरकार ने मोर्चाबंदी शुरू कर दी है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ऐलान किया है कि 22 चीजों पर कीमतों पर सरकार की पैनी नजर है और जमाखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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वित्त मंत्री ने कहा कि बैठक में बढ़ती कीमतों से निपटने की योजना बनाई गई. 4-5 चीजों के दामों पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकारों को जमाखोरों पर काबू पाने के लिए कहा गया है. फल और सब्जियों को एपीएमसी की लिस्ट से बाहर किया जा रहा है ताकि किसान सीधे बाजार में उन्हें बेच सकें. दिल्ली इस बारे में आज आदेश जारी कर सकता है.

प्याज का MEP तय, रुकेगा निर्यात!
वित्त मंत्री ने बताया कि प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य तय (एमईपी) कर दिया गया और आलू का बहुत जल्द तय किया जाएगा. एमईपी वह दर होती है जिसके नीचे निर्यात की अनुमति नहीं होती है. इस नीति को फिर से लागू किया गया है जबकि सिर्फ तीन महीने पहले मार्च में पिछली सरकार ने इसे खत्म किया था. वाणिज्य मंत्री ने एक अधिसूचना में कहा कि प्याज की हर किस्म के निर्यात पर 300 डालर प्रति दिन का एमईपी लागू होगा. उन्होंने बताया कि बाजार में चावल की मात्रा बढ़ाई जाएगी. अगर राज्यों में कमी पड़ी तो खाने का तेल आयात किया जाएगा. वित्त मंत्री ने कहा कि कीमतों में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है पर सरकार सुरक्षात्मक उपाय अपना रही है.

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राज्यों ने नहीं दिया जमाखोरी पर जवाब
खबर यह भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर 4 जून को राज्यों को चिट्ठी भेजकर जमाखोरी पर जवाब मांगा गया था. राज्यों को दस दिन में जवाब देना था लेकिन किसी मुख्यमंत्री ने इसकी जानकारी नहीं दी. यह चिट्ठी केंद्रीय सचिव केशव देशीराजू ने लिखी थी. चिट्ठी में लिखा था कि कीमतों को काबू में रखना पहली प्राथमिकता है और पिछले कुछ सालों में जमाखोरों और कालाबाज़ारी करने वालों पर राज्य सरकार गंभीर नहीं हैं और इसके लिए जरूरी कार्रवाई नहीं की गई.

8 जुलाई को पेश हो सकता है आम बजट
महंगाई की मार के बीच मोदी सरकार के लिए आगामी बजट सत्र भी चुनौती होगा. सूत्रों के मुताबिक 7 जुलाई से संसद का बजट सत्र शुरू हो सकता है. सरकार 10 जुलाई को अपना पहला बजट पेश कर सकती है. रेल बजट 8 जुलाई को पेश किए जाने की संभावना है.

वहीं मंगलवार को महंगाई को लेकर वित्त मंत्रालय में अहम बैठक बुलाई गई जिसमें कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन और खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान मौजूद थे. खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने जमाखोरों पर लगाम लगाने बात की और राज्यों से जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा.

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गौरतलब है कि हाल ही में महंगाई दर पांच महीने के अपने सर्वोच्च स्तर (6.01 फीसदी) पर पहुंच गई. वहीं मुंबई में एक महीने के भीतर प्याज की कीमत 3 गुना तक बढ़ने से लोग परेशान हैं. मुंबई में 30 रुपए प्रति किलो की कीमत पर प्याज मिल रहा है.

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