कश्मीर से धारा-370 हटाए जाने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से इस्तीफा देने वाले कन्नन गोपीनाथन ने दावा किया है कि मोदी सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. उनका आरोप है कि केंद्र सरकार उन्हें बर्खास्त करना चाहती है. गोपीनाथन ने कहा कि सरकार का ये व्यवहार बचकाना है.
गोपीनाथन ने कहा कि उन्होंने पिछले साल अगस्त में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. वो CAA, NRC और NPR के बारे में लोगों से संवाद के लिए कई जगहों पर गए थे. बुधवार को इंडिया टुडे के साथ बात करते हुए कन्नन ने दावा किया कि लोगों ने इसके खतरे को समझा है.
UP: प्रयागराज एयरपोर्ट से हिरासत में लिए गए पूर्व IAS कन्नन गोपीनाथन
लोग क्रोनोलॉजी समझ गए हैं
नागरिकता संशोधन कानून की आलोचना करते हुए कन्नन ने कहा CAA संवैधानिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ है और यही वजह है कि लोग इसका विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'गृह मंत्री अमित शाह चाहते थे कि लोग इस क्रोनोलॉजी को समझें, लोग समझ गए हैं, अब सरकार कह रही है, क्रोनोलॉजी के बारे में भूल जाओ... लोग खतरे को समझ गए हैं.
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उन्होंने कहा, 'अमित शाह चाहते हैं कि लोग भयभीत हों, लेकिन लोग अब सब समझ चुके हैं. सरकार को इस बात का जवाब देना होगा कि CAA और NRC में क्यों भेदभाव किया गया है. सरकार को जवाब देना होगा, न केवल न्यायालय में, बल्कि जनता को भी.'
प्रयागराज में हिरासत में लिए गए थे
हाल में कन्नन गोपीनाथन को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज एयरपोर्ट से हिरासत में लिया गया था. उनको नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) के खिलाफ होने वाली एक बैठक में हिस्सा लेने के लिए बुलाया गया था. इससे पहले उन्हें हिरासत में ले लिया गया.