देश की 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के निजीकरण की आहट मिलते ही कर्मचारी संगठन भड़क उठे हैं. राष्ट्रीय स्तर के तीन मजदूर संगठनों ने 20 अगस्त से एक महीने की लंबी हड़ताल करने का ऐलान किया है. इसमें आरएसएस से जुड़ा भारतीय मजदूर संघ का घटक भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ भी शामिल है. यह संगठन रक्षा क्षेत्र के कर्मचारियों के हकों के लिए लड़ता है. भारतीय मजदूर संघ के उपाध्यक्ष एमपी सिंह ने 'आजतक' से कहा कि हड़ताल भले ही 20 अगस्त से शुरू होगी, मगर सरकार के खिलाफ सभी फैक्ट्रियों के गेट पर प्रदर्शन शुरू हो गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों को ठीक से काम ही नहीं करने दे रही है. सरकार को चाहिए कि जो वह 60 प्रतिशत रक्षा सामानों को आयात करती है, उसका निर्माण सरकारी क्षेत्र की आयुध फैक्ट्रियों से कराए.
इन 41 ऑर्डिनेंस कंपनियों में करीब एक लाख 45 हजार कर्मचारी काम करते हैं. सूत्र बता रहे हैं कि रक्षा मंत्रालय ने 41 ऑर्डिनेंस के साथ 16 अन्य संबद्ध कंपनियों का निजीकरण करने के लिए कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की अनुमति लेने की तैयारी की है. सरकार का कहना है कि कंपनियों के निजीकरण से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे आयुध उत्पादन के साथ टर्नओवर और बेहतर होगा. भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के महासचिव मुकेश सिंह ने संगठन पदाधिकारियों को जारी पत्र में कहा है कि सरकार की ओर से ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के निजीकरण की कोशिशें उस आश्वासन का उल्लंघन है, जो पूर्व में सरकार की ओर से दिया गया था. उन्होंने कर्मचारियों से अपील की है कि वे 20 अगस्त से 20 सितंबर तक हड़ताल पर जाने से पहले सभी फैक्ट्रियों के गेट पर प्रदर्शन में शामिल हों. उन्होंने कहा है कि इस हड़ताल में अन्य ट्रेड यूनियन्स भी शामिल हैं.
सूत्र बताते हैं कि बीते 18 जुलाई को दिल्ली में सरकार ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के निजीकरण के संबंध में मीटिंग की. जिसमें ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के चेयरमैन सौरभ कुमार को भी बुलाया गया था. इस मीटिंग की भनक लगने के बाद ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कर्मचारी परेशान और आक्रोशित हैं. वहीं हड़ताल की खबरों के बीच ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर जनरल नीरज केला ने सभी फैक्ट्री प्रमुखों से कहा है कि वे स्ट्राइक के दौरान यूनिट के कामकाज पर विपरीत असर न पड़ने दें.
मजदूर संगठनों ने हड़ताल का ऐलान करते हुए कहा है कि अभी यह आंदोलन का पहला चरण है. इस हड़ताल में भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ (बीपीएमएस), ऑल इंडिया डिफेंस इम्प्लाईज फेडरेशन(एआईडीईएफ), इंडियन नेशनल डिफेंस वर्कर्स फेडरेशन की ओर से भागीदारी की जाएगी. भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ आरएसएस के लेबर विंग भारतीय मजदूर संघ का घटक संगठन है. तीनों मजदूर संगठनों ने हड़ताल के लिए मोर्चा बनाया है.इंडियन नेशनल डिफेंस वर्कर्स फेडरेशन के अध्यक्ष अशोक सिंह कहते हैं कि ये ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियां हमारी सशस्त्र सेनाओं की रीढ़ हैं, इनके साथ चाय की दुकान जैसा व्यवहार नहीं किया जा सकता है.
बता दें कि केंद्र ने आर्म्स रूल्स, 2016 के जरिए हथियारों के उत्पादन में प्राइवेट प्लेयर्स के भी उतरने का रास्ता तैयार किया है. ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के निजीकरण की कोशिशों को सरकार को सरकार की इन्हीं कोशिशों के विस्तार के रूप में देखा जा रहा है.