सरकार द्वारा साइबर अपराधों से निपटने के लिए 500 करोड़ रूपए की लागत से एक सेंटर बनाने की संभावना है. साइबर अपराधों में सालाना करीब 40 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है.
यह कदम एक विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के बाद आया है. इस समिति की स्थापना देश में साइबर अपराधों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए खाका तैयार करने और उपयुक्त सुझाव देने के लिए की गई थी. समिति ने अपनी रिपोर्ट आज गृह मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपी.
समिति ने सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आईसीसीसीसी) स्थापित करने का सुझाव दिया है जिसकी सभी राज्यों में शाखाएं हों. आईसीसीसीसी की प्राथमिकताओं में से एक यह भी होगा कि भारत सरकार के आधिकारिक संवाद नेटवर्क में सेंध लगाने और उन्हें हैक करने के अंतरराष्ट्रीय गिरोहों के प्रयासों पर किस प्रकार काबू पाया जा सके.
समिति ने ‘रोडमैप फार इफेक्टिवली टैकलिंग साइबर क्राइम्स इन दि कंट्री’ शीषर्क वाली अपनी रिपोर्ट में विदेशी सर्वरों पर निर्भरता घटाने और सभी सरकारी संवाद के लिए एक विशिष्ट सुरक्षित गेटवे सुनिश्चित करने का भी सुझाव दिया.
गृह मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट पर तत्काल विचार करने और उसे लागू करने को कहा. गृह मंत्रालय ने बाद में एक विज्ञप्ति में कहा कि मंत्रालय ने 24 दिसंबर 2014 को विशेषज्ञ समूह का गठन किया था.