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मोदी सरकार ने उत्तर प्रदेश में की रेलवे प्रोजेक्टों की बरसात

यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मोदी सरकार ने यूपी में घोषित की नई रेल योजनाएं. पहले की तुलना में आवंटित की पांच गुना अधिक राशि.

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भारतीय रेल
भारतीय रेल

वित्त वर्ष 2017-2018 के दौरान रेल मंत्रालय उत्तर प्रदेश में रेलवे की परियोजनाओं की बरसात करने जा रहा है. विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में इस बार रेलवे की इस पहल को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. रेल मंत्री सुरेश प्रभु आगामी वित्त वर्ष के दौरान 7118 करोड़ रुपये की लागत से तमाम रेलवे प्रोजेक्टों को पूरा करने जा रहे हैं. सीधे तौर पर देखें तो इस बार रेल बजट में यूपी के रेलवे प्रोजेक्टों को मिली यह रकम वर्ष 2009 से लेकर 2014 के यूपीए कार्यकाल के दौरान मिली रकम के मुकाबले 541 फीसदी अधिक है. इसके अलावा पिछले 2 सालों में रेलवे बजट में यूपी को मिली रकम के मुकाबले इस बार का आवंटन दोगुने से भी अधिक है. इससे आप पूरी तरीके से समझ सकते हैं कि रेलवे को विकास के मॉडल के तौर पर यूपी के वोटरों के बीच में किस तरह पेश किया जा रहा है.

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यूपी सरकार के साथ ज्वाइंट वेंचर के तहत रेल लाइन
इस साल के बजट में संभल और गजरौला के बीच 45 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन बिछाने के लिए 860 करोड रुपए की रकम को मंजूरी दी गई है. यह लाइन यूपी सरकार के साथ ज्वाइंट वेंचर के तहत डाली जा रही है. पडरौना और कुशीनगर के बीच गोरखपुर होते हुए 64 किलोमीटर की नई रेलवे लाइन के लिए 1345 करोड रुपए की रकम मंजूर की गई है. पीलीभीत और शाहजहांपुर के बीच 83 किलोमीटर लंबी लाइन के लिए 622.5 करोड़ रुपए की धन राशि मंजूर की गई है. मथुरा और वृंदावन के बीच 11 किलोमीटर लंबी नई लाइन के लिए रेलवे ने 97.96 करोड़ रुपए की रकम का प्रावधान रखा है. नानपारा और नेपालगंज रोड के बीच 20 किलोमीटर लंबी नई लाइन के लिए डेढ़ सौ करोड़ रुपये की रकम का प्रावधान किया गया है. वाराणसी और मुगलसराय के बीच 16.72 किलोमीटर लंबी तीसरी लाइन को बनाने के लिए 205.15 करोड़ रुपए की रकम को रेलवे बजट में मंजूरी दी गई है.

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रेल मार्गों के विद्युतीकरण पर विशेष जोर
इसके अलावा 1162.69 करोड़ों रुपए की लागत से 11 रेल मार्गों पर विद्युतीकरण के कार्य को रेल बजट में जगह मिली है. रेलवे की पिंक बुक में उत्तर प्रदेश में 27 आरयूबी और सबवे को सैन्शन किया गया है. इसके लिए 1538.49 करोड़ रुपये की रकम मंजूर की गई है. इसमें रेलवे की हिस्सेदारी 797.49 करोड़ रुपये होगी. इन सबके अलावा रेलवे में उत्तर प्रदेश के लिए यात्री सुविधाओं के विकास के लिए 96 करोड़ रुपए की रकम का प्रावधान किया गया है. पिछले साल इस मद में महज 66 करोड रुपए का प्रावधान किया गया था.


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