केंद्र सरकार के टेलीकॉम विभाग ने तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष को कोलकाता के लिए गठित टेलीफोन एडवाइजरी समिति में शामिल किया है. मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी टीएमसी के लिए केंद्र का यह फैसला चौंकाने वाला है.
दूरसंचार विभाग ने घोष की नियुक्ति के लिए हाल ही में भारत संचार निगम लिमिटेड के चेयरमैन व एमडी को आधिकारिक चिट्ठी भेजी है. इसमें कहा गया है कि टीएमसी सांसद घोष को टेलीफोन एडवाइजरी समिति में अध्यक्ष का दर्जा दिया जाए. चिट्ठी में बीएसएलएन को इस बाबत घोष की मंजूरी लेने को भी कहा गया है.
सूत्रों के मुताबिक, घोष इस पद को लेकर पहले ही अपनी इच्छा जता चुके हैं. सारदा समूह की मीडिया इकाई के प्रमुख रहे घोष को चिटफंड घोटाले में शामिल होने के आरोपों के चलते साल 2013 में गिरफ्तार किया गया था. टीएमसी के इस निलंबित राज्यसभा सदस्य को इस मामले में तीन साल तक जेल में रहने के बाद कोलकाता हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है.
घोष के लिए राहत की एक बात यह भी है कि केंद्र जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस बाबत अपनी हालिया चार्जशीट में उनका नाम नहीं लिया है.