तमाम कयासों और अटकलों के बीच नरेंद्र मोदी की सरकार ने शुक्रवार को तीन केंद्रीय सूचना आयुक्तों की नियुक्ति कर दी है. खास बात यह है कि इनमें दिल्ली के वर्तमान पुलिस कमिश्नर बीसएस बस्सी का नाम नहीं है. सरकार ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पूर्व सचिव बिमल जुल्का, आईबी के स्पेशल डायरेक्टर डीपी सिन्हा और गुजरात के पूर्व अधिकारी अमिताभ भट्टाचार्य को सूचना आयुक्त नियुक्त किया है.
जानकारी के मुताबिक, बस्सी का नाम कांग्रेस के विरोध के कारण सूची से हटाया गया. जेएनयू प्रकरण के कारण दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में सरकार सूचना आयुक्त की नियुक्ति को लेकर सर्वसहमति से ही कोई कदम उठाना चाहती थी. बताया जाता है कि विपक्षी दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी बस्सी के नाम को लेकर विरोध जताया. कांग्रेस जेएनयू विवाद मामले में पहले ही बीएस बस्सी को निलंबित करने की मांग कर चुकी है.
केजरीवाल और बस्सी में होता रहा है टकराव
गौरतलब है कि बस्सी फरवरी के अंत में ही रिटायर हो रहे हैं. दिल्ली पुलिस के मुखिया के रूप में बीएस बस्सी का राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से लगातार टकराव भी होता रहा है. यही नहीं, केजरीवाल ने बस्सी पर 'बीजेपी का एजेंट' होने का आरोप भी लगाया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चयन समिति की बैठक में केंद्रीय सूचना आयोग में सूचना आयुक्तों के तीन रिक्त पदों के लिए नामों पर फैसला लिया गया. बस्सी 1977 बैच के केंद्र शासित क्षेत्र कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. बस्सी ने पिछले साल सितंबर में सरकार द्वारा जारी विज्ञापन के आधार पर सूचना आयुक्त और केंद्रीय सूचना आयुक्त दोनों पदों के लिए आवेदन किया था.