केंद्र की एनडीए सरकार ने यूपीए के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट मनरेगा कानून की तारीफ की है. लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कृषि राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून की तारीफ की.
लिखित में दिए गए जवाब में बालियान ने कहा कि अध्ययन के मुताबिक, मनरेगा लागू होने से शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन की रफ्तार घटी है और ग्रामीण इलाकों में मजदूरी बढ़ी है. इसके अलावा इसका असर खाद्य उत्पादन पर भी नहीं पड़ा है.
केंद्र सरकार का यह जवाब इसलिए चौंकाने वाला है क्योंकि राजस्थान की बीजेपी सरकार की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मनरेगा को कानून के तौर पर लागू करने की पक्षधर नहीं हैं. करीब दस दिन पहले उन्होंने मोदी सरकार को चिट्ठी लिखकर पूछा था कि मनरेगा को कानून के बजाय, योजना के तौर पर क्यों नहीं लागू किया जा सकता.
उनका कहना था कि ग्रामीण रोजगार को एक कानून के तहत क्यों सुनिश्चित किया जाना चाहिए. इस तरह के रोजगार एक योजना के अंतर्गत क्यों नहीं दिया जाना चाहिए. उन्होंने लिखा था कि एक कानून के लाभ को देखना काफी मुश्किल है. इससे केवल कई विभागों के कानूनी पचड़े ही बढ़ते हैं. यह कानून रहे या योजना, इस पर चर्चा करने और फैसला करने की जरूरत है.