आज से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में जहां विपक्ष सहनशीलता और महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में है, वहीं केंद्र सरकार ने भी आक्रामक तेवर अपना लिए हैं. बुधवार शाम को बीजेपी संसदीय दल की बैठक में पार्टी ने निर्णय किया है कि वह असहिष्णुता के मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों का मुंहतोड़ जवाब देगी.
सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताई कि सत्र में सकारात्मक चर्चा होगी और जरूरी मुद्दों पर सभी पक्ष मिलकर काम करेंगे.
Debate, discussion and dialogue are soul of the Parliament: PM Narendra Modi #WinterSession pic.twitter.com/F1XLyRHNTT
— ANI (@ANI_news) November 26, 2015
बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा, 'हम असहिष्णुता समेत सभी मुद्दों पर बहस के लिए तैयार हैं. लेकिन संसदीय कार्यवाही और कामकाज हमारी पहली प्राथमिकता रहेगी.' सूत्रों के मुताबिक, पार्टी सदन के भीतर तमाम मुद्दों पर अपनी पकड़ मजबूत रखना चाहती है ताकि जनता के बीच यह संदेश जाए कि विपक्ष के सारे आरोप झूठे और आधारहीन हैं.
People do not want confrontational politics, they want collaborative politics: Union Minister Venkaiah Naidu pic.twitter.com/g06V5KvDN5
— ANI (@ANI_news) November 26, 2015
सदन में व्यवहार और कामकाजी रुख अपनाकर नरेंद्र मोदी की सरकार जनता तक यह बात पहुंचाना चाहती है कि वह शोर और हंगामा करने से इतर GST और अन्य दूसरे बिलों को लेकर सजग है. सरकार यह साफ संदेश देना चाहती है कि जीएसटी सरकार की प्राथमिकता है और देश की आर्थिक प्रगति के लिए जरूरी है. विपक्ष के बिगड़े तेवर के बावजूद बीजेपी को उम्मीद है कि बिल पर उसे सभी दलों का साथ मिलेगा. बताया जाता है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली खुद जीएसटी को लेकर विपक्ष से बात कर रहे हैं.
सर्वदलीय बैठक में मान-मनव्वल की कोशिश
इससे पहले बुधवार दिन में सरकार ने सर्वदलीय बैठक के जरिए विपक्ष को मनाने की कोशिश की. गतिरोध दूर करने के लिए संसद में हुई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही तमाम दलों के नेता मौजूद रहे. इस दौरान प्रधानमंत्री ने विपक्ष से अपील की कि वह राष्ट्रहित में जीएसटी समेत अहम बिल पास करवाने में सरकार का करें.
संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने भी अपनी ओर से विपक्ष से सत्र चलाने में सहयोग की अपील की. उन्होंने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है. लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन खुद भी सभी दलों से मिलकर सदन में गतिरोध को बातचीत के जरिए खत्म करने की कोशिश करने वाली हैं.
गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र में जीएसटी समेत 38 बिलों को पास करवाना सरकार के लिए चुनौती है. इस सत्र में मोदी सरकार द्वारा 7 नए कानून पेश किए जाने की योजना है.
क्या चाहती है कांग्रेस
दूसरी ओर, संसद सत्र से पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस भी चाहती है कि जीएसटी बिल पास हो, उससे पहले वह चर्चा चाहती है. राहुल ने कहा, 'कांग्रेस असहनशीलता पर संसद में बहस कराना चाहती है.' पार्टी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पहले ही सदन में असहिष्णुता पर बहस के लिए नोटिस दे चुके हैं. इस मुद्दे पर सरकार को वाम दलों के साथ ही दूसरी अन्य विपक्षी दलों का भी साथ मिलेगा.
विपक्ष लोकसभा के साथ ही राज्यसभा में भी सरकार को घेरने की योजना बना रही है. सभी दल सदन के अंदर और बाहर असहिष्णुता के मुद्दे पर एकजुटता दिखा सकते हैं, वहीं असहिष्णुता के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने की मांग भी की जाएगी. हालांकि, इन सब के बीच गुरुवार और शुक्रवार को सरकार को संसद में विपक्ष का साथ मिल सकता है. इन दोनों दिन सदन में डॉ. अंबेडकर पर चर्चा का कार्यक्रम है.