संसद में विपक्ष के गुस्से को शांत करने के लिए मोदी सरकार ने लैंड बिल को हथियार बना सकती है. बीजेपी ने लैंड बिल पर अपने रुख से पीछे हटते हुए यूपीए के बिल के महत्वपूर्ण प्रावधान वापस लाने पर सहमति जताई है.
The Modi Govt will soon understand that truth cannot be silenced.The ppl of India&Congress Party have shown this in case of land bill(1/3)
— Office of RG (@OfficeOfRG) August 3, 2015
11 बीजेपी सदस्यों ने संशोधन पेश किए Truth will not be silenced in the case of corruption scams either where the Prime Minister is protecting the guilty (2/3)
— Office of RG (@OfficeOfRG) August 3, 2015
सत्तारूढ़ बीजेपी ने संशोधन पेश करने के साथ पूर्ण सहमति का स्वर जाहिर करते हुए बैठक के बाद समिति में कांग्रेस के एक सदस्य ने कहा, ‘यह हमारे 2013 के कानून की तरह ही अच्छा है.’ तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और कल्याण बनर्जी ने बैठक से वाकआउट करते हुए कहा कि इसमें संशोधनों के बारे में आज सुबह जानकारी दी गई और इसका अध्ययन करने के लिए काफी कम समय मिला.
छह संशोधनों पर हुई चर्चा
सोमवार को छह संशोधनों पर चर्चा की गई जिस पर आम सहमति थी. एनडीए के विधेयक में 15 संशोधनों में नौ व्यापक प्रकृति के थे और इनका कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने विरोध किया था.
'छह संशोधनों पर बनी आम सहमति'
कांग्रेस सदस्य ने दावा किया कि नौ में से छह संशोधन जिसमें सहमति का उपबंध, सामाजिक प्रभाव का मूल्यांकन और निजी कंपनी के शब्द को बदलकर निजी निकाय करने के बारे में सोमवार को चर्चा की गई और इस पर आम सहमति बनी.