scorecardresearch
 

कोलेजियम ने जजों की नियुक्ति के लिए दिए थे 77 नाम, केंद्र ने 43 पर नहीं लगाई मुहर

केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच जजों की नियुक्ति को लेकर एक बार फिर तकरार होने के हालत बन गए हैं. हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए कोलेजियम ने 77 जजों के नाम भेजे थे, जिनमें से 43 नामों को सरकार ने लौटा दिया.

Advertisement
X
जजों की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट और केंद्र के बीच हो सकती है फिर तकरार
जजों की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट और केंद्र के बीच हो सकती है फिर तकरार

Advertisement

केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच जजों की नियुक्ति को लेकर एक बार फिर तकरार होने के हालत बन गए हैं. हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए कोलेजियम ने 77 जजों के नाम भेजे थे, जिनमें से 43 नामों को सरकार ने लौटा दिया.

केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाले कोलेजियम ने नियुक्ति के लिए जो 77 नाम भेजे थे, उनमें से 34 जजों की नियुक्त केंद्र ने कर दी है. जबकि इनमें से 43 जजों पर सरकार ने सहमति नहीं दी. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी भी बताया कि सरकार ने कोलेजियम द्वारा भेजी गईं सभी पेंडिंग फाइलों को निपटा लिया है.

पिछले साल SC ने NJAC के फैसले को किया था रद्द
जजों की नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच काफी वक्त से तकरार चल रही है. पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को झटका देते हुए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) के सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था.

Advertisement

जजों की नियुक्ति को 9 महीने तक रोके रखने को लेकर हाल में पूर्व महाधिवक्ता सोली सोराबजी ने सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था, 'अगर हम समय के अंदर न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं करते हैं तो निश्चित है कि लोगों को न्याय मिलने में देरी होगी. वास्तव में यह न्याय देने की तरह होगा. इस देरी के लिए सरकार किसी तरह का स्पष्टीकरण नहीं दे सकती.'

Advertisement
Advertisement