केंद्र सरकार अब मंत्रियों के निजी सचिवों और ओएसडी की नियुक्ति के लिए नई नीति बनाने जा रही है, ताकि काम-काज में जरूरी गोपनीयता बरती जा सके. खबरों के मुताबिक, आठ मंत्रियों के निजी सचिवों की नियुक्ति की समीक्षा की जा रही है.
इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तीन मंत्रियों के निजी सचिवों की नियुक्ति पर अड़ंगा लगा चुका है. पीएमओ ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा राज्य मंत्री वीके सिंह और किरन रिजेजु के प्राइवेट सचिवों की नियुक्ति को हरी झंडी नहीं दी है. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, पीएमओ यूपीए सरकार में अहम पदों पर रहे लोगों को निजी सचिव बनाने पर सहमत नहीं है.
राजनाथ ने क्यों चुना खुर्शीद के PA को?
पीएमओ ने आलोक सिंह को राजनाथ सिंह का निजी सचिव रखे जाने पर अड़ंगा लगा दिया है. आलोक इससे पहले यूपीए सरकार में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के निजी सचिव थे. बताया जा रहा है कि पीएमओ आलोक की खासतौर पर पिछली पोस्टिंग से खुश नहीं था. माना यह भी जा रहा है कि पीएमओ उन सभी मंत्रियों के साथ उसी तरह का रुख अख्तियार कर सकता है जिनके निजी सचिव पिछली सरकार में मंत्रियों के निजी सचिव रहे हैं.
पीएमओ ने पूर्वोत्तर मामलों के राज्य मंत्री वीके सिंह और गृह राज्य मंत्री किरेन रिजुजु के निजी सचिवों की नियुक्ति पर भी रोक लगा दी है.
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फैसला लिया है कि पुरानी सरकार (यूपीए) में मंत्रियों के निजी सचिव और ओएसडी (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) नई सरकार में नहीं रखे जाएंगे. हालांकि इस बारे में सरकार की तरफ से कोई लिखित आदेश जारी नहीं हुआ है.
मोदी सरकार में कम से कम 7 से 8 मंत्री ऐसे हैं जिन्हें ऐसे अफसरों को अपने निजी सचिव के तौर पर रखा है.